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बेंगलुरु भगदड़ में 11 लोगों की मौत पर प्रधानमंत्री मोदी ने जताया शोक

"यह घटना दिल दहला देने वाली है", पीएम मोदी ने मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना प्रकट की

कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में हुई दर्दनाक भगदड़ की घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस हादसे में अब तक 11 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि कई अन्य घायल हुए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस त्रासदी पर गहरा दुख प्रकट किया है और मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना जताई है।

प्रधानमंत्री मोदी ने सोमवार को अपने आधिकारिक सोशल मीडिया मंच ‘X’ (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा,
“बेंगलुरु में हुआ हादसा अत्यंत हृदयविदारक है। इस दुखद घड़ी में मेरी संवेदनाएं उन सभी लोगों के साथ हैं जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया है। मैं घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं।”

बेंगलुरु के एक सरकारी कार्यक्रम के दौरान भारी भीड़ उमड़ पड़ी थी, जिसमें लोगों को राशन और आवश्यक सामग्री वितरित की जा रही थी। प्रशासन के अनुसार, स्थल पर पर्याप्त प्रबंधन नहीं था और अचानक बढ़ी भीड़ पर नियंत्रण नहीं पाया जा सका। इसी दौरान अफरा-तफरी मच गई और भगदड़ की स्थिति बन गई।

हादसे में 11 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें अधिकतर महिलाएं और बुजुर्ग शामिल हैं। वहीं कई लोग गंभीर रूप से घायल हैं और शहर के विभिन्न अस्पतालों में उनका इलाज चल रहा है।

कर्नाटक सरकार ने इस दुखद घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने मृतकों के परिजनों को मुआवज़ा देने की घोषणा की है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि संबंधित कार्यक्रम आयोजकों और अधिकारियों की लापरवाही के लिए जिम्मेदार लोगों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा,
“यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। हमें इसकी गहराई से जांच करनी होगी ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।”

पीएम मोदी के अलावा कई अन्य नेताओं ने भी इस हादसे पर शोक व्यक्त किया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी. देवेगौड़ा और राहुल गांधी सहित कई नेताओं ने घटना पर दुख जताया और पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की है।इस हादसे के बाद स्थानीय प्रशासन और कार्यक्रम आयोजन समिति की तैयारियों को लेकर सवाल उठने लगे हैं। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार कार्यक्रम स्थल पर न तो पर्याप्त सुरक्षा बल तैनात थे और न ही भीड़ को नियंत्रित करने के कोई स्पष्ट इंतज़ाम किए गए थे।

बेंगलुरु की यह दर्दनाक घटना एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर करती है कि बड़े सार्वजनिक आयोजनों के लिए बेहतर योजना और सुरक्षा प्रबंधन क्यों नहीं सुनिश्चित किया जाता। प्रधानमंत्री मोदी की संवेदना और राज्य सरकार की कार्रवाई के बाद अब यह देखना होगा कि क्या ऐसी घटनाओं से कोई सबक लिया जाएगा या नहीं।

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