राष्ट्रीय

राममंदिर- धार्मिक ही नहीं आर्थिक खुशहाली का प्रतीक

भगवान राम चौदह बरस बात अयोध्या लौटे तो गोस्वामी तुलसीदास राम चरित्र मानस में लिखते हैं। रिपु रन जीति सुजस सुर गावत। सीता सहित अनुज प्रभु आवत॥ सुनत बचन बिसरे सब दूखा। तृषावंत जिमि पाइ पियूषा॥

भावार्थ:- शत्रु को रण में जीतकर सीता और लक्ष्मण सहित प्रभु आ रहे हैं; देवता उनका सुंदर यश गा रहे हैं। ये वचन सुनते ही भरत सारे दुःख भूल गए। जैसे प्यासा आदमी अमृत पाकर प्यास के दुःख को भूल जाए। 

भारत सामान आज सरे भारतवासी भी अपने आराध्य के प्राण प्रतिष्ठा की आनंदवेला में अपने पुराने सभी दुःख और शताब्दियों से चले आ रहे संघर्षों को  भूल गए। रामलला आज अपने भवन में विराजमान है और समस्त अयोध्यावासी हर्ष और उल्लास के साथ अपने आराध्य का गुणगान कर रहे हैं.

आज अयोध्या जगमगा रही है ।अयोध्या नगरी अपने राम के स्वागत में दुल्हन से सज धज कर तैयार है। हर तरह राम नाम की गूंज है, ‘जय श्री राम और सियापति राम चंद्र की जय’ की गूंज अनंत आकाश में फैली हुई है।

भगवन राम 500 वर्षों की इंतज़ार के बाद आज अपने भवन में पधारे तो नगरवासियों ने उत्सव मनाया। पूरी नगरी रौशनी में नहायी हुई है.. सरयूं के घाट पर भक्तों का ताँता  लगा हुआ है। हर नयन प्रभु के दर्शन को व्याकुल हैं तो हर कदम स्वयं ही मंदिर की तरफ बढे जा रहे है। 

आज धर्म नगरी अयोध्या हर कोई जाना चाहता है, भक्तों की ऐसी भीड़ उमड़ पड़ी है…लाखों भक्त रोज रामलला के दर्शनों  का प्रसाद ग्रहण कर रहे है ।   

अयोध्या आकर भगवान् के दर्शन करना धार्मिक और आध्यात्मिक रूप से तो अहम् है ही वही इसका एक आर्थिक पहलु भी है ।दरसल सनातन धर्म में रिलीजियस टूरिज़्म यानी की धार्मिक पर्यटन अर्थ व्यवस्था को सुदृढ़ करने में  का एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है ।चाहे बात चार धाम यात्रा की हो जिससे  उत्तराखंड की अर्थव्यस्था सहारा मिलता हो या फिर वैष्ण देवी की यात्रा की जो जम्मू और उसके आसपास के लोगों को आर्थिक रूप से मजबूत करने में एक महत्वपूर्ण योगदान देता है, उसी प्रकार तिरुपति में भगवान् वेंकटेश्वर का मंदिर हो या फिर 12 सालों में लगने वाला कुम्भ मेला, आर्थिक रूप से इन धार्मिक स्थलों  का अहम् योगदान है।

अयोध्या के सन्दर्भ में SBI की रिसर्च बताती है कि केंद्र की Pilgrimage Rejuvenation and Spiritual Heritage Augmentation Drive (PRASHAD) विभिन्न राज्य सरकार के साथ मिलकर भारत में आध्यात्मिक यात्रा उद्योग को विकसित करने में भूमिका निभाने के लिए तैयार है…… उम्मीद है की इस साल अयोध्या में 10 करोड़ से अधिक पर्यटक भगवान् राम के दर्शन के लिए आयेंगे और जिसका सीधा फायदा अयोध्या में होटल, टैक्सी , दुकानदारों और टूरिस्ट गाइड, ट्रेवल एजेंसियों  और स्ट्रीट वेंडर्स  को मिलेगा।

अयोध्या में   मुलभुत आधारढांचा को मजबूत करने के लिए 83 हज़ार करोड़ रूपये खर्च किये गए जिससे अयोध्या में एयरपोर्ट , रेलवे स्टेशन  और सड़क कनेक्टिविटी को बेहतर करने का काम किया गया। दुनिया भर के पर्यटक यहां सुविधा जनक तरीके से आ सके इसके लिए रेलवे स्टेशन और एयरपोर्ट्स को विश्व स्तरीय बनाया जा रहा है ।

भारत की जीडीपी में ट्रेवल और टूरिज्म सेक्टर का कारोबार 2017 में 15.24 लाख करोड़ था जिसकी 2028 तक 32 लाख करोड़ तक पहुंचने का अनुमान है…….जिसमे 60 % हिस्सा रिलीजियस टूरिज़्म  से होने का अनुमान है। 

जिस प्रकार वनारस में कशी विश्वनाथ कॉरिडोर के बनने से वह पिछले साल 8 करोड़ से अधिक पर्यटक पहुंचे उसी प्रकार  10 करोड़ से अधिक लोगो के अयोध्या पहुंचने का अनुमान है। और जिसका आर्थिक तौर पर सीधा फायदा सिर्फ अयोध्या ही नहीं बल्कि पुरे प्रदेश और देश को मिलेगा ।

जिस तरह राम सर्वत्र हैं सबके हैं और सबके लिए हैं,  उसी प्रकार  राम जी की मंदिर बनने से समाज के हर तबके को आर्थिक तौर पर समृद्धी मिले ऐसी प्रभु से कामना हैं। 

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