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मासूमों की कब्रगाह बना अस्पताल।

लापरवाही और प्रशासनिक अंधेपन ने 7 मासूम बच्चों की जान ले ली, घटना दिल्ली के विवेक विहार इलाके की है जहाँ एक बेबी केयर सेंटर में लगी आग ने मासूमों की जान ले ली. लापरवाही और सिस्टम के अंधे और बहरे होने का इससे बड़ा सबूत क्या होगा कि अस्पताल का लाइसेंस मार्च में ही ख़त्म हो गया था और अस्पताल के पास फायर NOC भी नहीं थी फिर भी धड़ल्ले से अस्पताल चल रहा है और नतीजन ये भीषण हादसा और उस हादसे में 7 मासूम बच्चों की जान चली गई. 

जिस बेबी केयर सेंटर में आग लगी वहाँ उसी बिल्डिंग के ग्राउंड फ्लोर पर अवैध रूप से ऑक्सीजन सिलेंडर का रिफिलिंग सेंटर चलाया जा रहा था और स्थानीय निवासियों द्वारा अवैध रूप से चलाये जा रहे इस रिफिलिंग सेंटर की शिकायत भी प्रशासन को की गयी पर प्रशासन द्वारा कोई कदम नहीं उठाया गया. घटना के समय अस्पताल में 12 बच्चे मौजूद थे जिन्हें आग लगने पर दूसरे अस्पताल में शिफ्ट किया गया जहाँ डॉक्टरों ने 7 मासूमों को मृत घोषित कर दिया। अस्पताल में लगी आग ने अगल-बगल की इमारतों को भी चपेट में ले लिया। अवैध रूप से रिफिल किये जा रहे ऑक्सीजन सिलेंडरों के फटने से तेज धमाके भी हुए और आज और तेजी से फैल गई.

पुलिस ने अस्पताल के मालिक नवीन कीची और ऑन ड्यूटी डॉक्टर को गिरफ़्तार कर लिया और उन पर लापरवाही से मौत और दूसरों की जान ख़तरे में डालने जैसी धाराओं में केस दर्ज किया. प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, दिल्ली के उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री ने घटना पर दुःख जताया है और साथ ही मजिस्ट्रेट जाँच के आदेश भी दिए. शनिवार रात को लगी इस आग ने जहाँ 7 मासूमों की जिंदगी ले ली तो वहीं सिस्टम के अंधेपन को भी सामने लाकर रख दिया। 120 गज में बने इस अस्पताल  के पास केवल 5 बेड की क्षमता से ही अस्पताल चलने की अनुमति थी जबकि हादसे के वक़्त भी अस्पताल में 12 मासूम थे और अस्पताल चलने की अनुमति भी 31 मार्च 2024 को ख़त्म हो गई थी।  सभी नवजात 15 से 25 दिन के थे. बिना फायर NOC  के चल रहे इस बेबी केयर सेंटर में लगी आग ने एक बार फ़िर राजधानी में चल रहे अस्पतालों की पोल खोल कर रख दी. जो मासूम अभी दुनिया में आये ही थे उनका जीवन प्रशासनिक लापरवाही और अंधे सिस्टम की भेंट चढ़ गया.

आग लगने पर स्थानीय लोगों ने बिल्डिंग के पीछे की खिड़कियों को तोड़कर बच्चों को बहार निकलने की कोशिश की और नवजात बच्चों को नजदीकी दूसरे अस्पताल में शिफ्ट किया।  बीच -बीच में ऑक्सीजन सिलेंडर फटने से तेज धमाकों से आग और तेजी से फैल गई और देखते ही देखते ग्राउंड फ्लोर में लगी आग ने बिल्डिंग के साथ-साथ  बगल के बैंक को भी अपने चपेट में ले लिया। फायर ब्रिगेड की 16 गाड़ियों ने स्थानीय लोगों की मदद से करीब 1 घंटे में आग पर काबू कर लिया.

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