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कोचिंग इंस्टिट्यूट के बेसमेंट में डूबा प्रशासन, तीन स्टूडेंट्स की मौत

सेन्ट्रल दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर स्थित राव IAS स्टडी सर्किल के बेसमेंट में पानी भर जाने से शनिवार रात तीन छात्रों की मौत हो गई। मरने वाले छात्रों की पहचान श्रेया यादव (22), तान्या सोनी (21) और नेबिन डाल्विन (29) के रूप में हुई है। मरने वाले तीनों छात्र अपने अन्य साथियों सहित कोचिंग संस्थान के बेसमेंट में अवैध रूप से चल रही लाइब्रेरी में पढ़ रहे थे। शनिवार को हुई बारिश और सड़क पर हुए जलभराव से पानी बड़ी तेजी के साथ संसथान के बेसमेंट में घुस गया जहाँ उस वक्त करीब 30 छात्र पढाई कर रहे थे। देखते ही देखते बड़ी तेजी से बेसमेंट में लगभग 12 फुट पानी भर गया। लाइब्रेरी में पढाई कर रहे छात्रों में से तीन छात्र बहार नहीं निकल पाए और उनकी डूबकर मृत्यु हो गई.

राजेंद्र नगर पुलिस स्टेशन में गैरइरादतन हत्या, लापरवाही, और जानबूझकर चोट पहुंचने की धाराओं में केस दर्ज कर कोचिंग सेंटर के मालिक अभिषेक गुप्ता और को-ऑर्डिनेटर देशपाल गुप्ता को गुरुग्राम से गिरफ्तार किया है। दर्ज FIR में लिखा गया है कि पानी की निकासी का उचित इंतजाम न होने से बेसमेंट में पानी भर गया और उसमे डूबने से तीन छात्रों की मौत हो गयी। उक्त घटना के बाद अलग- अलग कोचिंग संस्थानों में पढ़ रहे छात्रों में डर का माहौल है और छात्र अपना विरोध भी जता रहे हैं.

MCD से मिले कंप्लीशन सर्टिफिकेट में साफ लिखा हुआ है कि बेसमेंट का इस्तेमाल पार्किंग के लिए किया जायेगा पर पार्किंग की जगह बेसमेंट में अवैध रूप से लाइब्रेरी चल रही थी। सवाल प्रशासन के सुस्त और नकारेपन पर उठता है कि आखिर कैसे अवैध रूप से लाइब्रेरी चलती रही और इसका संज्ञान नहीं लिया गया। ओल्ड राजेंद्र नगर में ऐसे अनेकों कोचिंग सेंटर हैं जहाँ देश भर से आकर छात्र UPSC की कोचिंग करते है और सपनो की उड़ान भरते हैं। कोचिंग सेंटर छात्रों से मोटी फीस तो वसूल लेते हैं पर जरूरी सुरक्षा मानकों को नजरअंदाज कर देते हैं। अभी कुछ समय पहले दिल्ली के ही मुखर्जी नगर और गुजरात के सूरत में कोचिंग सेंटर में आग लगने और छात्रों के जान जाने की घटना हुई थी। पर इन तमाम घटनाओं के बाद भी सिस्टम के कान पर जूं तक नहीं रेंगती। हर घटना के बाद 2-4 दिन शोर-शराबा होता है और उसके बाद फिर सिस्टम कुम्भकर्ण की नींद सो जाता है.

अब बयानबाजी और आरोप प्रत्यारोप का दौर चालू है। कुछ अधिकारीयों पर भी एक्शन होगा । शायद तीनों छात्रों के परिवारों के जख्म पर मरहम लगाने के प्रयास से कुछ मुआवजा भी दिया जाये, पर उन सपनो की कीमत कोई क्या चूका पायेगा जो घर से दूर रहकर एक बेहतर कल की उम्मीद के थे। ये तीनों छात्र यक़ीनन आने वाले कल में देश के कर्णधार होते। देश को नयी दिशा देते, भ्रष्ट और नकारे सिस्टम को दुरुस्त करने का प्रयास करते…. लेकिन उससे पहले ही सुस्त और पैरलाइज़्ड पड़े सिस्टम ने उनकी जान ले ली। दो दिन पहले ही UPSC की तैयारी कर रहे एक छात्र  की दिल्ली के ही पटेल नगर में करंट लगने से मौत हो गई.

दिल्ली में MCD की जिम्मेदारी है की वह नालों की सफाई समय-समय करते रहे जिससे बारिश के वक्त जलभराव की स्तिथि पैदा न हो। लेकिन ये सिस्टम का कलेक्टिव फेलियर है की थोड़ी से बारिश से इतना अधिक जल भराव हो गया । चाहे MCD हो या दिल्ली जल बोर्ड या फिर दिल्ली सरकार इस हमाम में सभी नंगे हैं…….. श्रेया, तान्या और डाल्विन ही नहीं बल्कि उस बेसमेंट की पार्किंग में सिस्टम भी डूबा है और उज्जवल भविष्य का सपना देख रहे इन तीनों छात्रों को बारिश ने नहीं अंधे और लापरवाह सिस्टम ने मारा है.

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