मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुज्जू का भारत दौरा: सुरक्षा चिंताओं के बीच भारत के साथ मजबूत संबंधों पर दिया जोर
मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुज्जू ने अपने पहले आधिकारिक भारत दौरे के दौरान यह स्पष्ट किया कि उनकी सरकार कभी भी भारत की सुरक्षा को कमजोर करने वाले कोई भी कदम नहीं उठाएगी। यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब भारत और मालदीव के संबंधों पर चीन की बढ़ती उपस्थिति के कारण चिंता जताई जा रही है। इसके बावजूद, राष्ट्रपति मुज्जू ने भारत के साथ मजबूत संबंधों को बनाए रखने की प्रतिबद्धता जताई और कहा कि मालदीव भारत के साथ अपनी साझेदारी को बेहद महत्वपूर्ण मानता है।
भारत की सुरक्षा को लेकर उठे सवालों का जवाब देते हुए मुज्जू ने अपने वक्तव्य में स्पष्ट किया कि उनकी सरकार की प्राथमिकता हमेशा भारत के साथ मजबूत और पारदर्शी संबंध बनाए रखने की रही है। उन्होंने कहा, “मालदीव कभी भी भारत की सुरक्षा को कमजोर करने वाले किसी भी कदम का समर्थन नहीं करेगा। भारत हमारे लिए एक करीबी और महत्वपूर्ण साझेदार है, और हम इस संबंध को और भी मजबूत बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
मुज्जू ने आगे कहा कि मालदीव के रणनीतिक और भौगोलिक महत्व को ध्यान में रखते हुए, देश की सुरक्षा नीतियों का उद्देश्य दक्षिण एशिया में स्थिरता और शांति को बनाए रखना है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि मालदीव के विकास और अंतरराष्ट्रीय संबंधों में भारत की अहम भूमिका है और यह भूमिका आने वाले वर्षों में और बढ़ेगी।
राष्ट्रपति मुज्जू के दौरे के दौरान एक प्रमुख मुद्दा मालदीव और चीन के बीच बढ़ते संबंधों का भी था। मालदीव के चीन के साथ संबंधों को लेकर भारत में चिंता है, क्योंकि चीन क्षेत्र में अपनी रणनीतिक उपस्थिति बढ़ा रहा है। हालांकि, मुज्जू ने स्पष्ट किया कि मालदीव अपनी विदेश नीति में संतुलन बनाए रखने का प्रयास कर रहा है। उन्होंने कहा, “मालदीव अन्य देशों के साथ संबंध मजबूत कर रहा है, लेकिन यह किसी एक देश के खिलाफ नहीं है।”
मुज्जू ने कहा कि उनका देश विकास और सहयोग के लिए हर देश के साथ संबंधों को बेहतर बनाना चाहता है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि मालदीव भारत के साथ अपने ऐतिहासिक और पारंपरिक संबंधों से पीछे हटेगा। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि मालदीव भारत के साथ अपने संबंधों को सर्वोपरि रखता है और यह द्विपक्षीय संबंध कई मायनों में अद्वितीय हैं।
भारत और मालदीव के बीच दशकों से घनिष्ठ संबंध हैं, जिनमें व्यापार, पर्यटन, सुरक्षा और सामरिक सहयोग जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्र शामिल हैं। मालदीव भारतीय पर्यटकों के लिए एक प्रमुख आकर्षण का केंद्र है, वहीं भारत ने भी मालदीव की सुरक्षा और विकास परियोजनाओं में निरंतर सहायता प्रदान की है। दोनों देशों के बीच समुद्री सुरक्षा और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भी व्यापक सहयोग रहा है।उनके बयान ने स्पष्ट कर दिया कि मालदीव भारत के साथ अपने संबंधों को किसी भी हालत में कमजोर नहीं करेगा, जबकि अन्य देशों के साथ भी संतुलित और स्वस्थ संबंध बनाए रखने का प्रयास करेगा।