16 दिन की भूख हड़ताल के बाद जूनियर डॉक्टरों ने की हड़ताल समाप्त, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात के बाद लिया निर्णय
कोलकाता के आरजी कर अस्पताल और कॉलेज के जूनियर डॉक्टरों ने अपनी 16 दिन लंबी भूख हड़ताल समाप्त कर दी है। यह डॉक्टर अपने सहकर्मी के साथ हुए दुष्कर्म और हत्या के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ हुई बैठक के बाद डॉक्टरों ने अपनी हड़ताल समाप्त करने और आम चिकित्सा हड़ताल को वापस लेने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और हड़ताल कर रहे डॉक्टरों के प्रतिनिधिमंडल के बीच यह बैठक बुधवार को हुई। इस बैठक में मुख्यमंत्री ने डॉक्टरों की मांगों को ध्यान से सुना और उन्हें आश्वासन दिया कि उनकी सुरक्षा और कामकाजी स्थिति में सुधार के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा, “हम चिकित्सा कर्मचारियों की सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध हैं और अस्पतालों में कामकाज के बेहतर माहौल के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे।”
डॉक्टरों की प्रमुख मांगें बेहतर कामकाजी परिस्थितियों और स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढाँचे में सुधार को लेकर थीं। उन्होंने कहा कि अस्पतालों में सुरक्षा के अभाव और बुनियादी सुविधाओं की कमी के कारण चिकित्सा पेशेवरों को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ता है। विशेष रूप से, आरजी कर अस्पताल में घटित घटना ने चिकित्सा क्षेत्र में सुरक्षा की कमी को उजागर किया, जिसके बाद से डॉक्टरों का गुस्सा भड़क गया था।डॉक्टरों का कहना था कि अस्पतालों में बेहतर सुरक्षा उपायों, चिकित्सा उपकरणों की उपलब्धता और कामकाजी स्थिति में सुधार के बिना स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में सुधार संभव नहीं है।
भूख हड़ताल के साथ ही जूनियर डॉक्टरों ने राज्य भर में आम चिकित्सा हड़ताल का आह्वान किया था, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं पर व्यापक प्रभाव पड़ा। हालांकि, मुख्यमंत्री के साथ हुई बातचीत के बाद, डॉक्टरों ने इस हड़ताल को भी वापस लेने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा किए गए वादों पर वे भरोसा करते हैं और उम्मीद करते हैं कि चिकित्सा क्षेत्र की समस्याओं का समाधान जल्द ही होगा। डॉक्टरों ने यह भी कहा कि अगर उनकी माँगों पर उचित कार्रवाई नहीं हुई, तो वे भविष्य में फिर से आंदोलन कर सकते हैं।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि सरकार डॉक्टरों की सुरक्षा और उनके कामकाजी माहौल को बेहतर बनाने के लिए एक समिति गठित करेगी। इस समिति का उद्देश्य अस्पतालों में सुरक्षा उपायों की समीक्षा करना और स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढाँचे को मजबूत करना होगा। ममता बनर्जी ने डॉक्टरों से कहा कि सरकार उनकी सभी वैध माँगों पर ध्यान देगी और राज्य के अस्पतालों में सुधार के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।