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भारत और फ्रांस के बीच ऐतिहासिक समझौता, विश्व का सबसे बड़ा म्यूजियम बनेगा ‘युग युगीन भारत राष्ट्रीय संग्रहालय’

2025 तक बनकर तैयार होगा विश्व का सबसे बड़ा संग्रहालय

भारत और फ्रांस ने एक ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसके तहत ‘युग युगीन भारत राष्ट्रीय संग्रहालय’ का निर्माण किया जाएगा। यह संग्रहालय 2025 तक विश्व का सबसे बड़ा संग्रहालय बनने जा रहा है। करीब 1.55 लाख वर्ग मीटर में फैला यह संग्रहालय नई दिल्ली के ऐतिहासिक नॉर्थ और साउथ ब्लॉक्स में बनाया जाएगा। इसके आकार के मामले में यह पेरिस के प्रसिद्ध लूव्र म्यूजियम को भी पीछे छोड़ देगा।

यह परियोजना केंद्रीय विस्टा पुनर्विकास परियोजना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसे भारतीय सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित और प्रदर्शित करने के उद्देश्य से शुरू किया गया है। संग्रहालय का उद्देश्य भारतीय संस्कृति, इतिहास, और परंपराओं को आधुनिक तकनीक और वैश्विक दृष्टिकोण के साथ प्रस्तुत करना है।

इस परियोजना में संग्रहालय के डिज़ाइन और प्रबंधन में फ्रांस की विशेषज्ञता का उपयोग किया जाएगा। फ्रांस, जिसने लूव्र संग्रहालय जैसे प्रतिष्ठित संरचनाओं का निर्माण और संचालन किया है, अपने अनुभव और तकनीकी ज्ञान के साथ इस संग्रहालय को विश्वस्तरीय बनाने में मदद करेगा।

‘युग युगीन भारत राष्ट्रीय संग्रहालय’ का मुख्य उद्देश्य भारतीय इतिहास और संस्कृति को एक छत के नीचे समेटना है। संग्रहालय में प्राचीन काल से लेकर आधुनिक भारत तक की यात्रा को विभिन्न गैलरियों और प्रदर्शनी हॉल्स के माध्यम से प्रदर्शित किया जाएगा।
यहां परंपरागत कला, ऐतिहासिक घटनाओं, स्वतंत्रता संग्राम, और भारत की सांस्कृतिक विविधता को उकेरा जाएगा।

संग्रहालय के निर्माण के बाद यह आकार और महत्व दोनों के मामले में लूव्र संग्रहालय को पीछे छोड़ देगा।
लूव्र, जो कि लगभग 72,735 वर्ग मीटर में फैला हुआ है, वर्तमान में विश्व का सबसे बड़ा संग्रहालय माना जाता है। युग युगीन भारत संग्रहालय इससे दोगुना बड़ा होगा और इसमें अत्याधुनिक तकनीक का भी उपयोग किया जाएगा।

इस परियोजना से भारत में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। संग्रहालय के निर्माण से लेकर संचालन तक हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा। इसके अलावा, यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की सांस्कृतिक पहचान को और मजबूती प्रदान करेगा।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस परियोजना को भारतीय गौरव और सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण की दिशा में एक बड़ा कदम बताया है। उन्होंने कहा कि यह संग्रहालय न केवल इतिहास को संरक्षित करेगा, बल्कि नई पीढ़ियों को भारत की समृद्ध विरासत से भी जोड़ने का काम करेगा।

‘युग युगीन भारत राष्ट्रीय संग्रहालय’ का निर्माण कार्य तेज गति से चल रहा है और इसे 2025 तक जनता के लिए खोलने की योजना है। भारत और फ्रांस का यह संयुक्त प्रयास न केवल सांस्कृतिक साझेदारी को मजबूत करेगा, बल्कि दुनिया के सामने भारतीय सभ्यता की भव्यता को प्रस्तुत करेगा।

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