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‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ बिल आज लोकसभा में पेश करेगी केंद्र सरकार

संविधान (129वां संशोधन) विधेयक, 2024 पर टिकी नजरें

केंद्र की बीजेपी नेतृत्व वाली सरकार आज, 17 दिसंबर को बहुचर्चित ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ बिल को लोकसभा में पेश करेगी। सरकार के आधिकारिक बयान के मुताबिक, यह बिल देश में एक साथ चुनाव कराने की प्रक्रिया को लागू करने के लिए महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।सरकार ने घोषणा की है कि केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल आज लोकसभा में दो अहम विधेयक पेश करेंगे। इनमें ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ बिल, जिसका आधिकारिक नाम संविधान (129वां संशोधन) विधेयक, 2024 है, और दूसरा “केंद्र शासित प्रदेश कानून (संशोधन) विधेयक” शामिल है।

‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ का उद्देश्य देशभर में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने की व्यवस्था करना है। यह बिल चुनावी प्रक्रियाओं में होने वाले बार-बार खर्च को कम करने और चुनावी प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए प्रस्तावित किया गया है।केंद्र सरकार का मानना है कि बार-बार चुनाव होने से प्रशासनिक कार्य प्रभावित होते हैं और सरकारी संसाधनों का अत्यधिक खर्च होता है। इस विधेयक के माध्यम से सरकार एक बार चुनाव कराकर, समय और खर्च को नियंत्रित करना चाहती है।

हालांकि यह बिल लंबे समय से चर्चा का विषय बना हुआ है, विपक्षी दलों ने इसे लेकर अपनी आपत्तियां दर्ज कराई हैं। विपक्ष का मानना है कि यह विधेयक संघीय ढांचे के खिलाफ है और राज्यों की स्वायत्तता को प्रभावित कर सकता है। कुछ विपक्षी नेताओं ने कहा है कि देश के अलग-अलग राज्यों में चुनावी जरूरतें और परिस्थितियां भिन्न होती हैं, ऐसे में एक साथ चुनाव कराना व्यावहारिक नहीं है।

संविधान (129वां संशोधन) विधेयक, 2024 के माध्यम से केंद्र सरकार संविधान में आवश्यक संशोधन करेगी ताकि लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव एक ही समय पर कराए जा सकें। इसके लिए संविधान के कुछ अनुच्छेदों में बदलाव की आवश्यकता होगी।विशेषज्ञों का मानना है कि अगर यह विधेयक पारित होता है, तो देश की चुनावी प्रणाली में एक बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। हालांकि, इसे लागू करने के लिए संविधान संशोधन की प्रक्रिया में कई चरणों से गुजरना होगा और राज्यों की सहमति भी आवश्यक होगी।

इसके अलावा, केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल “केंद्र शासित प्रदेश कानून (संशोधन) विधेयक” भी पेश करेंगे। इस विधेयक का उद्देश्य केंद्र शासित प्रदेशों में कानूनों को और अधिक प्रभावी बनाना है।

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