ब्रूनेई में बोले मोदी- भारत विस्तारवाद नहीं विकास का समर्थन करता है
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी ब्रूनेई और सिंगापूर की यात्रा पर है। भारत के प्रधानमंत्री की पहली ब्रूनेई यात्रा पर पीएम मोदी ने ब्रूनेई के सुलतान सुल्तान हाजी हसनल बोलकिया के साथ रक्षा, व्यापार समेत विभिन्न विषयों पर चर्चा की। साथ ही भारत और ब्रुनेई ने द्विपक्षीय साझेदारी को और मजबूत करने की प्रतिबद्धता को दोहराया। नाम लिए बगैर प्रधानमंत्री मोदी ने चीन पर निशाना साधते हुए कहा कि भारत विस्तारवाद की नीति का नहीं बल्कि विकास की नीति का समर्थन करता है। गौरतलब है की चीन दक्षिणी चीन सागर और पूर्वी चीन सागर के बहुत बड़े हिस्से पर अपना दवा करता है जबकि फिलीपीन, मलेशिया, ताइवान, ब्रूनेई और वियतनाम भी दक्षिण चीन सागर पर दावा करते हैं और इसी मुद्दे पर चीन का कई पडोसी देशों के साथ विवाद है.
प्रधानमंत्री की सुल्तान हाजी हसनल बोलकिया के साथ द्विपक्षीय बातचीत के बाद एक संयुक्त बयान जारी किया गया। बयान के अनुसार, ‘‘दोनों नेताओं ने शांति, स्थिरता, समुद्री रक्षा और सुरक्षा को बनाए रखने एवं बढ़ावा देने के साथ नौवहन एवं उड़ान की स्वतंत्रता का सम्मान करने एवं अंतरराष्ट्रीय कानून विशेष रूप से यूएनसीएलओएस, 1982 के अनुरूप निर्बाध वैध व्यापार की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है”। दोनों नेताओं ने सभी पक्षों से अंतरराष्ट्रीय कानून, विशेष रूप से यूएनसीएलओएस 1982 के अनुसार शांतिपूर्ण तरीकों से विवादों को सुलझाने का आग्रह किया.
पीएम मोदी ने कहा कि भारत और ब्रुनेई के बीच गहरे ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंध हैं। इस वर्ष हम अपने राजनयिक संबंधों की 40वीं वर्षगांठ मना रहे हैं। इस अवसर पर हमने अपने संबंधों को साझेदारी के स्तर तक बढ़ाने का निर्णय लिया है”। दोनों नेताओं ने क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी विचार-विमर्श किया। उन्होंने आतंकवाद के सभी रूपों की निंदा की और देशों से इसे खारिज करने का आह्वान किया। प्रधानमंत्री मोदी ने ब्रूनेई के सुल्तान को भारत आने का निमंत्रण दिया साथ ही पुरे शाही परिवार को गर्मजोशी भरे स्वागत के लिए धन्यवाद भी दिया। ब्रूनेई से सिंगापूर के लिए रवाना होने पर पीएम मोदी ने अपनी ब्रूनेई यात्रा को ‘‘सार्थक’’ बताते हुए कहा कि इससे ‘‘भारत-ब्रुनेई संबंधों को और भी मजबूत बनाने के लिए एक नए युग’’ की शुरुआत हुई है, जो हमारी धरती को बेहतर बनाने में योगदान देता है.