गूगल में 25% से अधिक नया कोड अब एआई द्वारा जनरेट
गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने कंपनी की तीसरी तिमाही की आय कॉल के दौरान खुलासा किया कि गूगल में अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के माध्यम से 25 प्रतिशत से अधिक नया कोड तैयार किया जा रहा है। पिचाई ने बताया कि यह नया कदम गूगल के विकास में एआई की महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाता है, जिससे कोडिंग प्रक्रिया में तेजी आ रही है और गूगल इंजीनियरों को अधिक उत्पादकता मिल रही है। हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इंजीनियर अभी भी इस कोड की समीक्षा और सुधार में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं, ताकि गुणवत्ता में कोई कमी न हो।
पिचाई ने बताया कि गूगल एआई की सहायता से कोडिंग कार्यों को स्वचालित कर रहा है। इससे इंजीनियरों को अधिक रचनात्मक कार्यों पर ध्यान केंद्रित करने का अवसर मिल रहा है। उन्होंने कहा, “कोडिंग में एआई के उपयोग से हमारे इंजीनियरों को उनके काम में अतिरिक्त मदद मिल रही है, जिससे उन्हें अधिक जटिल समस्याओं पर ध्यान केंद्रित करने का अवसर मिल रहा है।” एआई के इस उपयोग से गूगल न केवल अपने उत्पादों को बेहतर बना पा रहा है, बल्कि तकनीकी क्षेत्र में नए मापदंड भी स्थापित कर रहा है।
पिचाई के अनुसार, गूगल में कोडिंग का एक बड़ा हिस्सा अब एआई के जरिए होने लगा है, जिससे विकास प्रक्रिया में तेजी आई है। एआई के द्वारा कोड का स्वतः निर्माण गूगल की परियोजनाओं को और भी तेजी से पूरा करने में सहायक साबित हो रहा है। पिचाई ने यह भी बताया कि एआई से बने कोड की क्वालिटी को बनाए रखने के लिए इंजीनियर इसकी समीक्षा करते हैं, जिससे कोड में त्रुटियों की संभावना को कम किया जा सके।
एआई के बढ़ते उपयोग के बावजूद, पिचाई ने यह भी स्पष्ट किया कि गूगल के इंजीनियर कोड की गुणवत्ता सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। एआई द्वारा तैयार कोड की समीक्षा और उसमें सुधार इंजीनियरों के अनुभव और विशेषज्ञता पर निर्भर करती है। उन्होंने कहा, “हमारे इंजीनियर एआई द्वारा तैयार किए गए कोड को न केवल परखते हैं, बल्कि उसमें आवश्यक सुधार भी करते हैं, जिससे कोड की गुणवत्ता और उपयोगिता दोनों ही उच्च स्तर की बनी रहे।”
पिचाई के इस बयान के बाद तकनीकी जगत में एआई के बढ़ते प्रभाव को लेकर चर्चा तेज हो गई है। गूगल जैसे दिग्गज कंपनी के इस कदम से स्पष्ट है कि भविष्य में एआई का उपयोग और भी व्यापक स्तर पर होगा। एआई की इस सफलता के बाद अन्य टेक कंपनियां भी अपने कोडिंग और विकास प्रक्रियाओं में एआई के उपयोग को अपनाने पर विचार कर सकती हैं।