भारत में हल्दीराम डोमिनोज़ और मैकडॉनल्ड्स से बड़ा, 3500 करोड़ रुपये की आय से रिकॉर्ड तोड़ा
भारत में हल्दीराम, जो एक प्रमुख भारतीय स्नैक और मिठाई ब्रांड है, ने एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर हासिल किया है। 3500 करोड़ रुपये के राजस्व के साथ, हल्दीराम ने डोमिनोज़ (1733 करोड़ रुपये) और मैकडॉनल्ड्स (1390 करोड़ रुपये) के संयुक्त राजस्व को भी पछाड़ दिया है। यह आंकड़ा दर्शाता है कि भारतीय स्वाद और संस्कृति से जुड़ा हल्दीराम, अंतरराष्ट्रीय फास्ट फूड ब्रांड्स को हर मोर्चे पर पीछे छोड़ते हुए एक प्रमुख स्थान पर पहुंच चुका है।
हल्दीराम का सफर 1937 में दिल्ली से शुरू हुआ था, और आज यह ब्रांड न केवल भारत बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी अपनी पहचान बना चुका है। हल्दीराम की विविधता में भिन्न-भिन्न स्नैक्स, मिठाईयाँ और फास्ट फूड विकल्प शामिल हैं, जो भारतीय जनता के दिलों में एक खास स्थान रखते हैं। हल्दीराम ने अपनी प्रोडक्ट रेंज को लगातार विस्तार दिया है, जिसमें न केवल पारंपरिक भारतीय मिठाइयाँ जैसे गुलाब जामुन, रसगुल्ला शामिल हैं, बल्कि नमकीन स्नैक्स, बर्गर और चाट जैसे आधुनिक व्यंजन भी उपलब्ध हैं।
हल्दीराम की सफलता का प्रमुख कारण भारतीय संस्कृति और स्वाद के प्रति इसकी प्रतिबद्धता है। हल्दीराम ने भारतीयों की पसंद और उनकी खाद्य आदतों को समझा और अपनी पेशकशों को स्थानीय स्वादों के अनुसार ढाला। इसके विपरीत, डोमिनोज़ और मैकडॉनल्ड्स जैसी अंतरराष्ट्रीय फास्ट फूड चेन ने अपनी वैश्विक नीतियों के तहत भारतीय बाजार में प्रवेश किया, लेकिन वे भारतीय स्वादों के अनुकूल पूरी तरह से ढलने में सफल नहीं हो पाए। हालांकि, डोमिनोज़ और मैकडॉनल्ड्स ने भारत में अपना एक मजबूत ग्राहक आधार बनाया है, लेकिन हल्दीराम की घरेलू मार्केट में पकड़ बहुत मजबूत है।
हल्दीराम ने भारतीय स्वादों को अपने उत्पादों में बखूबी समाहित किया है। इसके स्नैक्स, मिठाइयाँ और चाट की श्रृंखला भारतीयों की खाद्य प्राथमिकताओं के अनुरूप हैं।हल्दीराम के उत्पाद उच्च गुणवत्ता वाले होते हैं और इसकी कीमतें भी आम आदमी की पहुंच में हैं, जो इसे और अधिक लोकप्रिय बनाती हैं।हल्दीराम का विस्तार बहुत तेज़ी से हुआ है, और इसके फ्रेंचाइज़ी मॉडल ने इसे पूरे भारत में और दुनिया भर में अपनी पहचान बनाने का मौका दिया।
हल्दीराम के लिए आने वाले वर्ष और भी उज्जवल प्रतीत हो रहे हैं। इस ब्रांड ने भारतीय बाजार के अलावा, विदेशों में भी अपनी पकड़ बनाई है, और अब इसकी योजना और अधिक देशों में विस्तार करने की है। हल्दीराम का उद्देश्य सिर्फ भारतीय पारंपरिक खाद्य पदार्थों को संरक्षित करना नहीं, बल्कि उसे वैश्विक स्तर पर एक प्रतिष्ठित ब्रांड के रूप में स्थापित करना भी है।