18 वर्षीय डी. गुकेश ने रचा इतिहास, बने विश्व शतरंज चैंपियन
7.5 अंकों के साथ किया खिताब पर कब्जा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को भारतीय शतरंज के उभरते सितारे डी. गुकेश को विश्व शतरंज चैंपियन बनने पर बधाई दी। 18 वर्षीय गुकेश ने सिंगापुर में गुरुवार, 12 दिसंबर को खेले गए रोमांचक फाइनल में चीन के मौजूदा चैंपियन डिंग लिरेन को हराकर यह ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की।
इस प्रतियोगिता का समापन 14वें और आखिरी क्लासिकल टाइम कंट्रोल गेम में हुआ, जहां गुकेश ने निर्णायक जीत दर्ज की। उन्होंने कुल 7.5 अंकों के साथ खिताब अपने नाम किया, जबकि डिंग लिरेन 6.5 अंकों पर रह गए। इस जीत के साथ गुकेश ने न केवल शतरंज जगत में अपना नाम अमर कर दिया, बल्कि 2.5 मिलियन डॉलर के इनाम राशि का एक बड़ा हिस्सा भी अपने नाम किया।
गुकेश और लिरेन के बीच का मुकाबला बेहद रोमांचक और कठिन था। दोनों खिलाड़ियों ने अपनी बेहतरीन रणनीतियों का प्रदर्शन किया, लेकिन गुकेश ने अपने सटीक और आक्रामक खेल से बढ़त बनाई। फाइनल गेम में उन्होंने निर्णायक चाल चली, जिससे लिरेन के पास कोई जवाब नहीं बचा।इस ऐतिहासिक उपलब्धि के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा, “डी. गुकेश की ऐतिहासिक जीत पर पूरे देश को गर्व है। उनके अद्वितीय कौशल और समर्पण ने भारत को गौरवान्वित किया है। यह सिर्फ खेल की जीत नहीं, बल्कि युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है।”
डी. गुकेश की यह जीत भारतीय शतरंज के इतिहास में मील का पत्थर है। 18 साल की उम्र में विश्व चैंपियन बनना न केवल भारतीय शतरंज के विकास को दर्शाता है, बल्कि यह भारतीय युवाओं की प्रतिभा और मेहनत का प्रमाण भी है।चेन्नई के रहने वाले डी. गुकेश ने अपने करियर की शुरुआत छोटी उम्र में की थी। उन्होंने कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में सफलता हासिल कर अपनी प्रतिभा को साबित किया। उनकी यह जीत भारत में शतरंज के खेल को और ऊंचाइयों तक ले जाने में मदद करेगी।