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महाकुंभ मेले के समापन पर पीएम मोदी ने लिखा ब्लॉग, देशवासियों का किया धन्यवाद

प्रधानमंत्री ने आयोजन की कठिनाइयों का भी किया जिक्र

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को महाकुंभ मेले के भव्य समापन के बाद एक ब्लॉग लिखा और देशवासियों को इस आयोजन में उनकी भागीदारी के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि 140 करोड़ देशवासियों की आस्था जिस तरह से 45 दिनों तक प्रयागराज में महाकुंभ के रूप में एकजुट हुई, वह अत्यंत अद्भुत और भावनात्मक अनुभव था।

प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर अपने ब्लॉग को साझा किया। इसके साथ उन्होंने महाकुंभ के भव्य आयोजन की मंत्रमुग्ध कर देने वाली तस्वीरें भी पोस्ट कीं। हिंदी में लिखे अपने संदेश में उन्होंने कहा,
“महाकुंभ संपन्न हुआ… एकता के इस महायज्ञ की पूर्णाहुति हुई। 140 करोड़ देशवासियों की आस्था, जो 45 दिनों तक प्रयागराज में महाकुंभ के रूप में एकजुट हुई, यह दृश्य अविस्मरणीय था! महाकुंभ के समापन के बाद मेरे मन में जो विचार आए, उन्हें शब्दों में पिरोने का प्रयास किया है…”

प्रधानमंत्री ने इस ऐतिहासिक आयोजन को सफल बनाने के लिए सभी प्रशासनिक इकाइयों, स्वयंसेवकों और श्रद्धालुओं की सामूहिक प्रतिबद्धता की सराहना की। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि इतने विशाल स्तर पर एकत्रित आस्था और जनसैलाब का प्रबंधन आसान कार्य नहीं था।

अपने ब्लॉग में प्रधानमंत्री मोदी ने आयोजन के दौरान किसी भी तरह की कमियों या असुविधाओं के लिए देशवासियों से क्षमा भी मांगी। उन्होंने लिखा, “इतने भव्य आयोजन में किसी भी प्रकार की कमी रह गई हो तो मैं क्षमा चाहता हूं। हमारी पूरी कोशिश थी कि श्रद्धालुओं को बेहतर से बेहतर सुविधाएं मिलें।”

महाकुंभ न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक था बल्कि यह भारत की सांस्कृतिक एकता और परंपरा का भी परिचायक रहा। लाखों श्रद्धालुओं ने संगम में पवित्र स्नान, पूजा-अर्चना और आध्यात्मिक आयोजनों में हिस्सा लिया। इस दौरान प्रयागराज ने एकता, भक्ति और भव्यता का अनूठा संगम प्रस्तुत किया।

महाकुंभ 2025 के आयोजन की तैयारियां भी अब धीरे-धीरे गति पकड़ने लगी हैं। प्रशासन और आयोजन समिति इस बात पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं कि अगले महाकुंभ को और भी सुव्यवस्थित और भव्य बनाया जाए।प्रधानमंत्री मोदी द्वारा साझा किए गए ब्लॉग और तस्वीरों को सोशल मीडिया पर जबरदस्त प्रतिक्रिया मिल रही है। श्रद्धालु और अनुयायी उनकी भावनाओं की सराहना कर रहे हैं और महाकुंभ की भव्यता को याद कर रहे हैं।

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