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73,000 करोड़ रुपये के मखाना उद्योग में अपार संभावनाएं: निकिल कामथ

बिहार: मखाना उत्पादन का वैश्विक केंद्र

भारत में मखाना उद्योग तेजी से अपने पंख फैला रहा है, और इसके वैश्विक स्तर पर एक बड़ा भारतीय ब्रांड बनने की अपार संभावनाएं हैं। प्रसिद्ध निवेशक निकिल कामत ने मखाना उद्योग की 73,000 करोड़ रुपये की मौजूदा कीमत को रेखांकित करते हुए कहा कि यह अगले 2-3 वर्षों में दोगुना हो सकता है। बिहार, जो दुनिया के 90% मखाने का उत्पादन करता है, इस उद्योग के केंद्र में है।

मखाना को भारतीय सुपरफूड का दर्जा प्राप्त है। इसकी पोषण क्षमता और स्वास्थ्य लाभों के कारण यह न केवल घरेलू बाजार में बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी बड़ी मांग में है। मखाने में प्रोटीन, फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट्स की भरपूर मात्रा होती है, जिससे यह स्वास्थ्य के प्रति जागरूक उपभोक्ताओं के लिए एक बेहतरीन विकल्प बन गया है।

भारत के बिहार राज्य को मखाने का वैश्विक उत्पादन केंद्र माना जाता है। यहां मखाने की खेती पारंपरिक रूप से की जाती है, लेकिन यह प्रक्रिया श्रमसाध्य और समय लेने वाली है। इसके बावजूद, किसानों और उद्यमियों ने इस क्षेत्र में बड़ी सफलता हासिल की है।इस उद्योग में उभरते हुए स्टार्टअप्स, जैसे “मिस्टर मखाना,” ने अपनी छाप छोड़ी है। यह स्टार्टअप आधुनिक तकनीकों और अभिनव उत्पादों के साथ बाजार में अपनी जगह बना रहे हैं। इन स्टार्टअप्स ने मखाने को विभिन्न फ्लेवर्स में पेश करके इसे युवा पीढ़ी के लिए आकर्षक बनाया है।

भारत सरकार द्वारा मखाना किसानों और स्टार्टअप्स को विभिन्न योजनाओं और सब्सिडी के माध्यम से प्रोत्साहित किया जा रहा है। इससे न केवल मखाने की खेती को बढ़ावा मिला है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाजारों में इसकी पहुंच भी बढ़ी है।मखाने की खेती अभी भी श्रम-आधारित प्रक्रिया पर निर्भर है, जो इसकी उत्पादकता को सीमित करती है। लेकिन तकनीकी नवाचार और सरकारी सहयोग से इस चुनौती को हल करने के प्रयास किए जा रहे हैं।

निकिल कामत ने मखाना उद्योग की अपार संभावनाओं को रेखांकित करते हुए कहा कि यह भारत को वैश्विक खाद्य बाजार में एक मजबूत स्थान दिला सकता है। उनका मानना है कि यदि इस उद्योग को सही दिशा में प्रोत्साहन मिलता है, तो भारत से एक वैश्विक मखाना ब्रांड उभर सकता है।

मखाना उद्योग भारत के लिए न केवल आर्थिक बल्कि सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी एक महत्वपूर्ण क्षेत्र बन चुका है। इसके बढ़ते वैश्विक प्रभाव और नई तकनीकों के इस्तेमाल से यह उद्योग आने वाले समय में और भी ऊंचाइयों पर पहुंचेगा।

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