दिल्ली में पुराने डीज़ल और पेट्रोल वाहनों के लिए ईंधन भरवाना बंद, आज से लागू हुआ नया नियम
350 पेट्रोल पंपों पर सख्त निगरानी

राजधानी दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के उद्देश्य से आज से 10 साल से अधिक पुराने डीज़ल वाहनों और 15 साल से अधिक पुराने पेट्रोल वाहनों को पेट्रोल पंपों पर ईंधन भरवाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। यह निर्णय आयोग फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) द्वारा दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग, दिल्ली पुलिस और ट्रैफिक पुलिस के सहयोग से लागू किया गया है।
इस नीति को सख्ती से लागू करने के लिए 350 पेट्रोल पंपों की पहचान की गई है, जहां विशेष निगरानी दल तैनात किए गए हैं। यदि किसी प्रतिबंधित वाहन को ईंधन भरवाते हुए पाया जाता है, तो संबंधित वाहन जब्त किया जा सकता है और वाहन मालिक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी।
CAQM के अनुसार, यह कदम वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) को बेहतर बनाने और दिल्ली की हवा को सांस लेने लायक बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।
दिल्ली में वायु प्रदूषण लंबे समय से एक गंभीर समस्या बना हुआ है। पुराने डीज़ल और पेट्रोल वाहन, जिनकी तकनीकी हालत खराब हो चुकी होती है, दिल्ली की हवा को सबसे ज्यादा प्रदूषित करते हैं। CAQM ने अपने बयान में कहा:“यह निर्णय पर्यावरण संरक्षण अधिनियम के तहत लिया गया है और इसका उद्देश्य वायु प्रदूषण के प्रमुख स्रोतों में से एक को नियंत्रित करना है।”
दिल्ली में पहले से ही 10 साल से पुराने डीज़ल वाहनों और 15 साल से पुराने पेट्रोल वाहनों पर सड़क पर चलने की कानूनी रोक है। अब यह रोक पेट्रोल पंपों पर भी लागू कर दी गई है ताकि नियमों को और अधिक प्रभावी बनाया जा सके।
परिवहन विभाग और ट्रैफिक पुलिस की संयुक्त टीमें पेट्रोल पंपों पर निगरानी रखेंगी। यदि कोई प्रतिबंधित वाहन ईंधन भरवाते हुए पाया गया, तो: वाहन जब्त किया जा सकता है, मालिक पर जुर्माना लगाया जाएगा, RC (रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट) को रद्द भी किया जा सकता है
इसके अतिरिक्त, पेट्रोल पंप संचालकों को भी निर्देश दिए गए हैं कि वे वाहन की RC जांचे बिना ईंधन न दें। इसके लिए उन्हें ऐप और पोर्टल की सुविधा दी गई है।
इस कदम को लेकर जनता की मिली-जुली प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। पर्यावरणविदों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने इसका स्वागत किया है और इसे लंबे समय से जरूरी कदम बताया है। वहीं, कुछ वाहन मालिकों ने अचानक लागू किए गए नियमों पर नाराज़गी भी जताई है और विकल्पों की मांग की है।