दिल्ली के करोल बाग क्षेत्र में बने विशाल मेगामार्ट में लगी आग, UPSC की तैयारी कर रहे छात्र की दम घुटने से हुई मृत्यु।
दिल्ली के करोल बाग में शुक्रवार के दिन शॉपिंग मॉल में लगी आग के कारण 2 लोगों की मृत्यु हो गई। शख्स का नाम कुमार धीरेन्द्र प्रताप बताया जा रहा है, जिनकी बॉडी को लिफ्ट के अंदर से प्राप्त किया गया है। दूसरी बॉडी विशाल मेगामार्ट की बिल्डिंग के अंदर से बरामद की गई है। लिफ्ट के अंदर से मिली शख्स की बॉडी ने पूरे देश को हैरान कर करके रख दिया है। बताया जा रहा है कि मरने से पहले धीरेन्द्र ने अपने भाई से फोन के जरिए बात करी थी, जिसके बाद उनकी लिफ्ट में सांस घुटने के कारण मृत्यु हो गई।
धीरेन्द्र ने अपने भाई से क्या बात करी, और उनके भाई ने क्या प्रतिक्रिया दिखाई?
कुमार धीरेन्द्र प्रताप के भाई वीरेंद्र विक्रम का कहना है, उनके पास अपने भाई द्वारा फोन पर शाम 6:51 PM के आस पास मैसेज आया था जिसमें लिखा था, ‘मैं लिफ्ट में फंस गया हूं और मुझे सांस नहीं आ रही है।’ वीरेंद्र का कहना है, ‘मेरे भाई ने मुझे कॉल भी किया था और बचाने की गुहार करी थी।’ विक्रम का कहना है कि उन्होंने पुलिस कर्मियों की मदद मांगी थी पर उन्होंने भी काफी देरी के बाद एक्शन लिया था। पुलिस ने अपनी कार्रवाई 9:00 PM पर चालू करी थी, जिसकी वजह से पहले ही काफी देरी हो चुकी थी। विक्रम ने मॉल के दुकानदार और स्टाफ से मार्ट को चेक करने की मांग करी पर स्टोर के स्टाफ ने उनकी एक न सुनी और स्टोर को बंद करके अपने घर की ओर चल दिए। स्टोर के कर्मचारियों को 2:30 AM पर पता चलता है कि कोई अंदर फंसा है पर जब तक धीरेन्द्र की बॉडी को स्टोर से बाहर लाया गया तब तक काफी देरी हो चुकी थी। विक्रम कहते हैं, जब मुझे धीरेन्द्र की बॉडी प्राप्त हुई तब धीरेन्द्र की नाक से खून निकल रहा था जिसका मतलब है धीरेन्द्र की मृत्यु सांस फूलने के कारण लिफ्ट में काफी समय पहले ही हो चुकी थी।
कुमार धीरेन्द्र कर रहे थे UPSC की तैयारी।
विक्रम का कहना है कि उनके भाई कुमार धीरेन्द्र UPSC छात्र थे, और अपनी UPSC की पढ़ाई करने के लिए उन्होंने दिल्ली के करोल बाग क्षेत्र में एक मकान किराए पर ले रखा था, और वो अपनी UPSC की पढ़ाई से ब्रेक लेकर घूमने गए थे, विक्रम का कहना है कि अभी तक उन्होंने धीरेन्द्र की मौत की खबर अपनी माता श्री को नहीं दी है। अगर उनकी माताजी को पता चला कि धीरेन्द्र की मृत्यु हो चुकी है, तो वे विश्वास नहीं कर पाएंगी और अंदर से टूट जाएंगी।