श्रीनगर जा रही इंडिगो फ्लाइट को नहीं मिली पाकिस्तान जाने की अनुमति, तूफान में फंसी उड़ान को करना पड़ा मजबूरी में लैंडिंग
यात्रियों की सुरक्षा बनी प्राथमिकता

इंडिगो की एक यात्री उड़ान (6E-2142) जो अहमदाबाद से श्रीनगर जा रही थी, को मंगलवार को गंभीर मौसम परिस्थितियों का सामना करना पड़ा। विमान ने तेज़ बारिश और ओलों के साथ आए तूफान से बचने के लिए पहले भारतीय वायुसेना (IAF) के नियंत्रण में आने वाले उत्तरी हवाई यातायात नियंत्रण (ATC) से पाकिस्तान की ओर डायवर्जन की अनुमति मांगी थी। इसके बाद पायलट ने लाहौर एटीसी से भी संपर्क किया। हालांकि, दोनों जगहों से अनुरोध को ठुकरा दिया गया, जिसके कारण विमान को तूफान में ही उड़ान भरनी पड़ी और अंततः श्रीनगर में सुरक्षित लैंडिंग की गई।
नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने इस घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि उड़ान ने अत्यधिक खराब मौसम की स्थिति का सामना किया। पायलट ने मौसम से बचने के लिए अंतरराष्ट्रीय मार्ग की ओर डायवर्जन का प्रयास किया था, लेकिन किसी भी पक्ष से इसकी अनुमति नहीं दी गई।
DGCA ने कहा,
“विमान ने गंभीर मौसम से बचने के लिए पहले उत्तरी एटीसी से पाकिस्तान की ओर डायवर्जन की अनुमति मांगी, फिर लाहौर एटीसी से संपर्क किया गया। दोनों जगह से इनकार के बाद, पायलट को खराब मौसम के बीच ही श्रीनगर पहुंचने का निर्णय लेना पड़ा।”
इस पूरे घटनाक्रम में सबसे राहत की बात यह रही कि विमान सुरक्षित श्रीनगर हवाई अड्डे पर लैंड कर गया और सभी यात्री सुरक्षित हैं। हालांकि, कुछ यात्रियों ने उड़ान के दौरान हुए झटकों और घबराहट की जानकारी सोशल मीडिया पर साझा की।
एक यात्री ने ट्वीट किया:
“भारी बारिश और ओलों के बीच विमान तेज़ी से हिल रहा था। हम सब काफी डरे हुए थे, लेकिन पायलट की सूझ-बूझ और हिम्मत की वजह से हम सुरक्षित उतर सके।”
विमानन सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय सीमाओं को पार करने के लिए विशेष और आपातकालीन अनुमति की आवश्यकता होती है। सामान्य परिस्थितियों में बिना पूर्व अनुमति के किसी भी वाणिज्यिक विमान को दूसरे देश के हवाई क्षेत्र में प्रवेश की इजाजत नहीं दी जाती।
यह घटना विमानन क्षेत्र में आपात स्थितियों में अंतरराष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता पर फिर से ध्यान केंद्रित करती है। हालांकि, इस बार कोई दुर्घटना नहीं हुई, लेकिन भविष्य में ऐसे हालात से निपटने के लिए और अधिक लचीली व्यवस्था और समन्वय की जरूरत महसूस की जा रही है। पायलट की सतर्कता और साहस से एक संभावित संकट टल गया, जिससे यात्रियों की जान बची।