अंतरराष्ट्रीयराजनीति

पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का दावा: “जो बाइडेन की 2020 में मौत हो चुकी है, अब क्लोन शासन चला रहे हैं”

सोशल मीडिया पर मचा बवाल

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक चौंकाने वाला दावा करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ सोशल’ पर ऐसा पोस्ट साझा किया है, जिसमें कहा गया है कि वर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडेन की मौत 2020 में हो चुकी है और तब से उनकी जगह क्लोन, डबल्स या ‘रोबोटिक, सोललेस’ (आत्माहीन) इकाइयों ने ले ली है।

यह पोस्ट ट्रंप के आधिकारिक अकाउंट से सप्ताहांत पर साझा किया गया, जिसमें लिखा था –
“अब कोई जो बाइडेन नहीं है – उसकी 2020 में ‘एक्सीक्यूशन’ हो गई थी। अब जो आप देख रहे हैं, वे बाइडेन के क्लोन, डबल्स और रोबोटिक रूप से बनाए गए आत्माहीन, मस्तिष्कविहीन प्राणी हैं।”

यह पोस्ट सबसे पहले एक छोटे अकाउंट से आया था, लेकिन जब ट्रंप ने इसे आगे साझा किया, तो यह वायरल हो गया और सोशल मीडिया पर बहस का मुद्दा बन गया। जहां कुछ लोगों ने इसे एक साजिश सिद्धांत के रूप में खारिज कर दिया, वहीं ट्रंप समर्थकों के एक वर्ग ने इसे गंभीरता से लेना शुरू कर दिया।

अब तक व्हाइट हाउस या राष्ट्रपति जो बाइडेन की टीम की ओर से इस बयान पर कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की गई है। हालांकि, राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह पोस्ट एक प्रकार का प्रचार हथकंडा हो सकता है, खासकर 2024 के राष्ट्रपति चुनावों को ध्यान में रखते हुए ट्रंप का यह तरीका ध्यान आकर्षित करने का प्रयास हो सकता है।

अमेरिकी राजनीति पर नज़र रखने वाले विशेषज्ञों ने इस दावे को पूरी तरह आधारहीन और “फार-राइट साजिश सिद्धांत” करार दिया है। हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर और राजनीति विश्लेषक डेविड मार्शल ने कहा,
“यह एक बेहद खतरनाक चलन है जहां पूर्व राष्ट्रपति जैसे नेता भी अब सोशल मीडिया पर बेबुनियाद और सनसनीखेज थ्योरीज को बढ़ावा दे रहे हैं।”

यह पहली बार नहीं है जब डोनाल्ड ट्रंप ने इस तरह के विवादास्पद बयान दिए हों। इससे पहले भी वह 2020 के राष्ट्रपति चुनाव को “चोरी” बताया था और बार-बार यह दावा करते रहे हैं कि बाइडेन को वैध रूप से चुना नहीं गया था।

‘ट्रुथ सोशल’ ट्रंप द्वारा शुरू किया गया एक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म है, जो ट्विटर से बैन होने के बाद उन्होंने लॉन्च किया था। इस प्लेटफॉर्म पर ट्रंप और उनके समर्थक बिना किसी सेंसरशिप के अपने विचार व्यक्त करते हैं, हालांकि कई बार इस पर फेक न्यूज़ और साजिश सिद्धांतों के प्रचार का भी आरोप लगता रहा है।

पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा साझा किया गया यह पोस्ट न केवल अजीबो-गरीब साजिश सिद्धांतों को हवा देता है, बल्कि अमेरिका में राजनीतिक ध्रुवीकरण की स्थिति को भी उजागर करता है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि व्हाइट हाउस इस पर क्या रुख अपनाता है और क्या यह बयान राष्ट्रपति चुनाव की दिशा को प्रभावित करता है या नहीं।

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