
देश के ग्यारहवें ज्योतिर्लिंग श्री केदारनाथ धाम के कपाट 2 मई सुबह 7 बजे भक्तों के दर्शनार्थ खोल दिए जाएंगे। इससे पहले 27 अप्रैल को श्री केदारनाथ के द्वारपाल भगवान भैरवनाथ की पूजा-अर्चना की जाएगी।
हर वर्ष की तरह इस बार भी बाबा केदार की पंचमुखी डोली श्री ओंकारेश्वर मंदिर, उखीमठ से 28 अप्रैल को केदारनाथ धाम के लिए प्रस्थान करेगी। परंपरा के अनुसार, यात्रा मार्ग में विभिन्न स्थानों पर डोली का भव्य स्वागत किया जाएगा और भक्तजन दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त करेंगे।
केदारनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि घोषित होने के बाद श्रद्धालुओं में जबरदस्त उत्साह देखा जा रहा है। उत्तराखंड सरकार और प्रशासन ने यात्रा को सुगम बनाने के लिए सुरक्षा, स्वास्थ्य और आवास संबंधी तैयारियों को तेज कर दिया है। इस बार भी लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद जताई जा रही है।
हर साल करोड़ों श्रद्धालु चारधाम यात्रा के तहत केदारनाथ धाम में दर्शन करने आते हैं। बाबा केदारनाथ को कलियुग के मुक्तिदाता के रूप में पूजा जाता है, और यह धाम बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक होने के कारण विशेष महत्व रखता है।
उत्तराखंड सरकार और प्रशासन ने इस वर्ष यात्रियों की सुविधा के लिए कई नई व्यवस्थाएँ की हैं। सड़क मार्ग, हेलीकॉप्टर सेवा, स्वास्थ्य सुविधाएँ, और ठहरने के स्थानों की बेहतर व्यवस्थाओं पर ध्यान दिया जा रहा है। साथ ही, बर्फबारी और मौसम को ध्यान में रखते हुए यात्रा मार्ग की सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया गया है।
उत्तराखंड पर्यटन विभाग ने यात्रियों के लिए ऑनलाइन पंजीकरण अनिवार्य कर दिया है। जो श्रद्धालु बाबा केदारनाथ के दर्शन करना चाहते हैं, उन्हें पहले से ई-पास और अन्य यात्रा दस्तावेज तैयार रखने होंगे।
बाबा केदारनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि घोषित होने के बाद से ही भक्तों में अपार उत्साह है। हर साल की तरह इस बार भी लाखों श्रद्धालु भगवान शिव के दर्शन के लिए केदारनाथ धाम की पवित्र यात्रा पर निकलेंगे। प्रशासन ने यात्रा को सुरक्षित और सुगम बनाने के लिए तैयारियाँ पूरी कर ली हैं।