कर्नाटका मंत्री जामीर अहमद खान के विवादित बयान पर राजनीति गर्माई

कर्नाटका के मंत्री और कांग्रेस नेता जामीर अहमद खान अपने एक विवादित बयान को लेकर सुर्खियों में हैं। खान ने हाल ही में एक चुनावी रैली में जद (सेक्युलर) के नेता और केंद्र सरकार में मंत्री एचडी कुमारस्वामी को ‘कालीया’ कहकर संबोधित किया, जो कि एक रंगभेदी गाली मानी जाती है। उनके इस बयान ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है और विपक्षी नेताओं द्वारा इसकी कड़ी आलोचना की जा रही है।
चन्नापटना में रविवार को एक चुनावी रैली में जामीर अहमद खान ने कहा, “कालीया कुमारस्वामी भाजपा से भी ज्यादा खतरनाक हैं।” खान का यह बयान एक तरह से रंगभेदी और अपमानजनक था, जिसे उन्होंने अपने विरोधी नेता को निशाना बनाने के लिए दिया। “कालीया” शब्द का इस्तेमाल एचडी कुमारस्वामी के रंग को लेकर किया गया था, जो कि समाज में जातिवाद और रंगभेद के मुद्दे को लेकर संवेदनशील माना जाता है।
खान के इस बयान पर विपक्षी दलों ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। भाजपा और जद (सेक्युलर) के नेताओं ने इसे ‘निंदनीय’ और ‘अशोभनीय’ बताया। भाजपा नेता ने आरोप लगाया कि जामीर अहमद खान ने अपने बयान से न केवल कुमारस्वामी का अपमान किया है, बल्कि उन्होंने समाज के विभिन्न वर्गों के बीच नफरत फैलाने की कोशिश की है।कर्नाटका के भाजपा प्रवक्ता ने कहा, “जामीर अहमद खान का बयान किसी भी सभ्य राजनीति का हिस्सा नहीं हो सकता। यह केवल उनके नकारात्मक सोच को दर्शाता है। ऐसे बयान समाज में एकजुटता और भाईचारे को नुकसान पहुंचाते हैं।”
कांग्रेस पार्टी ने हालांकि जामीर अहमद खान के बयान से खुद को अलग किया है और इसे व्यक्तिगत विचार बताया। कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, “हमारे पार्टी नेताओं से उम्मीद की जाती है कि वे अपने शब्दों का सही उपयोग करें, लेकिन यह व्यक्तिगत बयान था। इस पर पार्टी का कोई औपचारिक बयान नहीं है।”एचडी कुमारस्वामी ने इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वे जामीर अहमद खान के बयान से आहत नहीं हैं, लेकिन उन्होंने इस प्रकार के बयान को राजनीति का हिस्सा नहीं माना। कुमारस्वामी ने कहा, “ऐसे बयान नफरत फैलाने वाले होते हैं, और हमें अपनी राजनीति को व्यक्तिगत हमलों से दूर रखना चाहिए। मैं अपने काम में विश्वास करता हूं, न कि इस प्रकार के बयानबाजी में।”