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अयोध्या में श्रीराम लला महाभिषेक संपन्न, प्राण प्रतिष्ठा की पहली वर्षगांठ पर हुआ भव्य आयोजन

सुरक्षा और व्यवस्थाओं के पुख्ता इंतजाम

अयोध्या के श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा की पहली वर्षगांठ के अवसर पर श्रीराम लला महाभिषेक का भव्य आयोजन किया गया। इस पावन अवसर पर श्रद्धालुओं ने भगवान श्रीराम के दिव्य दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त किया।

श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में महंतों, संतों और विद्वान आचार्यों द्वारा विशेष वैदिक मंत्रोच्चार के साथ महाभिषेक संपन्न हुआ। इस दौरान गंगाजल, पंचामृत, केसर, चंदन, दूध, शहद और इत्र से भगवान श्रीराम लला का अभिषेक किया गया। भव्य श्रृंगार के साथ भगवान को विशेष रत्नजड़ित वस्त्र, आभूषण और फूलों की मालाएं पहनाई गईं।

महाभिषेक के बाद रामायण पाठ, भजन-कीर्तन और विशेष आरती का आयोजन किया गया, जिसमें सैकड़ों श्रद्धालु और संतजन शामिल हुए। पूरे मंदिर परिसर को फूलों, दीपों और रंग-बिरंगी रोशनी से सजाया गया, जिससे पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया।प्राण प्रतिष्ठा की वर्षगांठ पर अयोध्या में लाखों श्रद्धालु पहुंचे। इस खास मौके पर भक्तों ने सरयू नदी में स्नान कर भगवान श्रीराम के दर्शन किए और मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना की।

श्रद्धालुओं के लिए मंदिर प्रशासन और उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा विशेष व्यवस्थाएं की गईं। सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए और दर्शन के लिए विशेष लाइनें बनाई गईं, जिससे भक्तों को सुगमता से भगवान के दर्शन प्राप्त हो सकें।इस पावन अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास, विभिन्न संत-धर्माचार्य, और गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। सभी ने इस ऐतिहासिक क्षण का साक्षी बनकर भगवान श्रीराम की आराधना की।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि “भगवान श्रीराम हमारी आस्था और संस्कृति के केंद्र हैं। यह आयोजन संपूर्ण राष्ट्र के लिए गर्व का क्षण है।”पूरे अयोध्या शहर को दीपों और रंग-बिरंगी लाइटों से सजाया गया। विभिन्न स्थानों पर रामायण पर आधारित झांकियां, भजन संध्या और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए।

भक्तों ने “जय श्रीराम” के जयघोष के साथ माहौल को भक्तिमय बना दिया। मंदिर परिसर में दिनभर भजन-कीर्तन और प्रवचन होते रहे, जिससे भक्तों को आध्यात्मिक अनुभूति हुई।यह आयोजन भगवान श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा की प्रथम वर्षगांठ का प्रतीक था, जो भारत के सनातन धर्मावलंबियों के लिए एक ऐतिहासिक और भावनात्मक क्षण रहा।श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में इस आयोजन ने एक बार फिर यह साबित किया कि अयोध्या भगवान श्रीराम की अनंत भक्ति और आस्था का केंद्र है।

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