
ग्रेटर चेन्नई कॉर्पोरेशन ने एक ऐतिहासिक पहल करते हुए भारत का पहला 24/7 एयर-कंडीशनिंग लाउंज गिग वर्कर्स के लिए खोला है। यह लाउंज खासतौर पर उन फूड डिलीवरी, ग्रोसरी डिलीवरी और पार्सल डिलीवरी करने वाले कर्मियों के लिए बनाए गए हैं, जो लंबे समय तक शहर के तापमान से जूझते हुए काम करते हैं। इन लाउंजों का उद्देश्य गिग वर्कर्स को राहत पहुंचाना है और उनकी कठिन मेहनत को मान्यता देना है।
इन लाउंजों को स्कैंडिनेवियाई स्टाइल में डिजाइन किया गया है, जो न केवल खूबसूरत हैं बल्कि पूरी तरह से कार्यकुशल भी हैं। हर लाउंज में 25 लोगों के बैठने की क्षमता है, ताकि गिग वर्कर्स आराम से बैठ सकें और कुछ समय आराम कर सकें। इसके साथ ही, प्रत्येक लाउंज में मोबाइल चार्जिंग स्टेशन की व्यवस्था भी की गई है, जिससे डिलीवरी कर्मी अपने फोन को चार्ज कर सकेंगे, जो उनके काम के लिए आवश्यक है।
लाउंज में स्वच्छ पीने का पानी और हाइजेनिक वाशरूम की भी व्यवस्था की गई है, ताकि गिग वर्कर्स को सभी बुनियादी सुविधाएं मिल सकें और वे अपनी शारीरिक स्थिति को बेहतर बना सकें। इन लाउंजों का निर्माण ₹25 लाख की लागत से हुआ है, और इसे पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किया गया है।
गिग इकॉनमी में काम करने वाले लोग आमतौर पर स्वतंत्र श्रमिक होते हैं और अक्सर अपनी रोजी-रोटी के लिए कठिन परिस्थितियों में काम करते हैं। ये लोग दिन-रात शहर की सड़कों पर यात्रा करते हैं, चाहे गर्मी हो या बारिश, अपने काम को जारी रखते हैं। ऐसे में इनके लिए सुरक्षित और आरामदायक स्थान की आवश्यकता महसूस हो रही थी, जहां वे कुछ देर आराम कर सकें, अपने फोन को चार्ज कर सकें और कुछ राहत महसूस कर सकें।
चेन्नई नगर निगम द्वारा इस पहल के जरिए गिग वर्कर्स के लिए यह महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है, जो उनके दैनिक संघर्षों को समझते हुए उनकी बुनियादी जरूरतों को पूरा करने की दिशा में एक प्रयास है। यह प्रोजेक्ट गिग वर्कर्स के लिए एक उम्मीद की किरण है और उनके मानसिक व शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करेगा।
चेन्नई नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि यह कदम गिग वर्कर्स की लगातार बढ़ती संख्या को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है। निगम के एक अधिकारी ने कहा, “गिग वर्कर्स को हमारे शहर का अहम हिस्सा माना जाता है। वे अपनी मेहनत और समर्पण से शहर की गति बनाए रखते हैं। इस पहल से हमें उनके जीवन को थोड़ा बेहतर बनाने में मदद मिलेगी और यह दिखाता है कि हम उनके संघर्षों के प्रति संवेदनशील हैं।”
यह लाउंज न केवल गिग वर्कर्स के लिए एक सुरक्षित आश्रय स्थल बनेगा, बल्कि यह इस बात का प्रतीक होगा कि गिग इकॉनमी के श्रमिकों की मेहनत और योगदान को भी समान सम्मान दिया जा रहा है।
यह पायलट प्रोजेक्ट पहले चरण के रूप में चेन्नई के कुछ प्रमुख स्थानों पर शुरू किया गया है। इसके बाद, अगर यह प्रोजेक्ट सफल रहता है, तो इसे शहर के अन्य हिस्सों में भी विस्तारित किया जाएगा। ग्रेटर चेन्नई कॉर्पोरेशन का लक्ष्य है कि आने वाले समय में सभी गिग वर्कर्स को इस प्रकार के लाउंज की सुविधा मिले, ताकि उनके लिए एक बेहतर और सुरक्षित कार्य वातावरण तैयार किया जा सके।
न केवल गिग वर्कर्स को, बल्कि यह पहल चेन्नई शहर के बाकी नागरिकों को भी प्रेरणा देगी कि वे अपने शहर में काम करने वाले हर व्यक्ति की मेहनत और संघर्ष का सम्मान करें। इस प्रकार की सुविधाओं से न केवल श्रमिकों का मनोबल बढ़ेगा, बल्कि यह पूरे शहर को एक अधिक सजीव और सहायक कार्य वातावरण प्रदान करेगा।