18 साल की पूजा ने महिला ऊँची कूद में स्वर्ण पदक जीता, व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के साथ रचा इतिहास
गुलवीर सिंह ने 5000 मीटर दौड़ में रचा इतिहास

भारत की युवा एथलीट पूजा ने रविवार को महिला ऊँची कूद प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीतकर अपने करियर का सबसे बेहतरीन प्रदर्शन किया। महज 18 साल की पूजा ने 1.89 मीटर की ऊँचाई पार कर न सिर्फ स्वर्ण पदक जीता, बल्कि अपने व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन में भी सुधार किया। पूजा का यह शानदार प्रयास भारतीय एथलेटिक्स में एक नई उम्मीद की किरण लेकर आया है।
पूजा ने इससे पहले भी राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में कई बार खुद को साबित किया था, लेकिन इस बार अंतरराष्ट्रीय मंच पर उनका आत्मविश्वास और शानदार तकनीक देखने लायक रही। पूजा ने पहले प्रयास में ही 1.85 मीटर की ऊँचाई को पार किया और इसके बाद 1.89 मीटर को भी सहजता से पार करते हुए स्वर्ण पदक अपने नाम किया।
पूजा ने जीत के बाद कहा, “मैं बहुत खुश हूँ कि मैंने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। मेरी तैयारी बहुत अच्छी थी और मैं अपने कोच की सलाहों पर अमल कर रही थी। यह मेरे लिए बहुत खास मौका है और मैं आगे भी ऐसे ही मेहनत करूँगी।”
पूजा की इस ऐतिहासिक जीत के बाद भारतीय एथलेटिक्स महासंघ ने उन्हें बधाई देते हुए कहा कि पूजा ने पूरे देश का नाम रोशन किया है। महासंघ के अध्यक्ष ने कहा, “पूजा ने जो किया है, वह न सिर्फ उनके लिए बल्कि देश के लिए भी गौरव की बात है। हम उन्हें और उनके कोच को बधाई देते हैं।”
इसी बीच, भारत के गुलवीर सिंह ने भी अपनी शानदार फॉर्म जारी रखते हुए 5000 मीटर दौड़ में स्वर्ण पदक अपने नाम किया। यह उनका दूसरा स्वर्ण पदक है, इससे पहले उन्होंने कुछ दिन पहले गुमी में ही 10,000 मीटर दौड़ में भी स्वर्ण पदक जीता था।
गुलवीर सिंह ने 5000 मीटर की दौड़ में बेहतरीन टाइमिंग दिखाते हुए अपने प्रतिद्वंदियों को कड़ी चुनौती दी और अंत में पहले स्थान पर पहुँचकर स्वर्ण पदक पर कब्जा किया। उन्होंने कहा, “मेरे लिए यह बहुत महत्वपूर्ण जीत है। लगातार दो स्वर्ण पदक जीतना मेरे आत्मविश्वास को और बढ़ाता है। मैं इस मौके पर अपने परिवार और कोच का शुक्रिया अदा करना चाहता हूँ।”गुलवीर ने बताया कि वह आने वाले आयोजनों के लिए भी पूरी तरह तैयार हैं और उनका मकसद भारत के लिए और भी अधिक पदक जीतना है।
पूजा और गुलवीर की इन उपलब्धियों ने भारतीय एथलेटिक्स को एक बार फिर चर्चा में ला दिया है। दोनों एथलीटों ने यह साबित कर दिया कि भारत की युवा प्रतिभाएँ अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी दमदार प्रदर्शन कर सकती हैं।भारतीय खेल प्रेमियों और एथलेटिक्स संघ को अब उम्मीद है कि आने वाले एशियाई खेलों और ओलंपिक में भी भारत के एथलीट इसी तरह का प्रदर्शन करेंगे और देश का नाम और ऊँचा करेंगे।