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जी-7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने कनाडा पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी, ऊर्जा सुरक्षा और वैश्विक दक्षिण की आवाज़ बनेंगे

वैश्विक दक्षिण की आवाज़ बनेंगे मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को कनाडा के कैलगरी शहर पहुंचे, जहां वे जी-7 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। यह यात्रा उनके तीन-देशीय दौरे का हिस्सा है, जिसकी शुरुआत साइप्रस से हुई थी और समापन क्रोएशिया में होगा।

प्रधानमंत्री मोदी ने X (पूर्व में ट्विटर) पर जानकारी देते हुए कहा,

“कैलगरी, कनाडा पहुंचा हूं। जी-7 शिखर सम्मेलन में भाग लूंगा और विभिन्न वैश्विक मुद्दों पर अपने विचार साझा करूंगा। साथ ही वैश्विक दक्षिण (Global South) की प्राथमिकताओं को प्रमुखता से रखूंगा।”

प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात पर ज़ोर दिया है कि वह शिखर सम्मेलन में वैश्विक दक्षिण के देशों की चिंताओं और चुनौतियों को साझा करेंगे। वैश्विक दक्षिण उन विकासशील और निम्न-आय वाले देशों का समूह है जो अक्सर अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पर्याप्त प्रतिनिधित्व से वंचित रहते हैं।

भारत पिछले कुछ वर्षों से इस वर्ग की आवाज़ को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मजबूती से उठाने में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी की यह पहल, दुनिया के सामने भारत को एक जिम्मेदार, संतुलित और सहानुभूतिपूर्ण नेतृत्वकर्ता के रूप में प्रस्तुत करती है।विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ऊर्जा सुरक्षा के भविष्य पर होने वाली चर्चाओं में हिस्सा लेंगे।

“प्रधानमंत्री @narendramodi प्रधानमंत्री @MarkJCarney के आमंत्रण पर अलबर्टा, कनाडा पहुंचे हैं। वह @G7 चर्चाओं में ऊर्जा सुरक्षा को लेकर भाग लेंगे और कई द्विपक्षीय बैठकें भी करेंगे।

जी-7 सम्मेलन के इतर प्रधानमंत्री मोदी की कई वैश्विक नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें भी प्रस्तावित हैं। ये मुलाकातें भारत के रणनीतिक सहयोग और अंतरराष्ट्रीय संबंधों को और सुदृढ़ करेंगी। विशेषज्ञों का मानना है कि इन बैठकों में व्यापार, प्रौद्योगिकी, जलवायु परिवर्तन, सुरक्षा, और वैश्विक शांति जैसे मुद्दे अहम रहेंगे।

इस बार जी-7 सम्मेलन में भारत की भागीदारी यह दर्शाती है कि विश्व मंच पर भारत की अर्थव्यवस्था, कूटनीति और नेतृत्व क्षमता को विशेष महत्व दिया जा रहा है। भले ही भारत जी-7 का औपचारिक सदस्य नहीं है, लेकिन उसकी भागीदारी यह सिद्ध करती है कि वह वैश्विक निर्णय प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण भागीदार है।

प्रधानमंत्री मोदी की कनाडा यात्रा और जी-7 सम्मेलन में सक्रिय भागीदारी भारत के लिए राजनयिक, रणनीतिक और वैश्विक स्तर पर अहम है। ऊर्जा सुरक्षा से लेकर विकासशील देशों की चिंता तक, भारत की भूमिका केवल एक भागीदार की नहीं, बल्कि एक मार्गदर्शक और समाधान प्रदाता की बनती जा रही है।

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