नाइकी के नए इंडिया-फोकस्ड कलेक्शन पर विवाद, ‘भारत विरोधी’ प्रभावक को प्रचार में शामिल करने पर मचा बवाल
नाइकी पर भारत विरोधी चेहरे को बढ़ावा देने का आरोप

विश्वप्रसिद्ध खेल वस्त्र ब्रांड नाइकी (Nike) इन दिनों भारत में अपने नए ‘भारतीय संस्कृति से प्रेरित कलेक्शन’ को लेकर विवादों में घिर गया है। कंपनी ने इस प्रचार अभियान में अमेरिका में रहने वाली बांग्लादेशी सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर ‘नाले’ (Naley) को शामिल किया, जिनके पुराने भारत विरोधी बयान, खासतौर पर कश्मीर को “भारत के कब्जे वाला क्षेत्र” कहने वाले पोस्ट, अब सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गए हैं।
इस खुलासे के बाद #BoycottNike सोशल मीडिया पर तेजी से ट्रेंड करने लगा, और कंपनी पर “भारत की संप्रभुता का अपमान” करने के गंभीर आरोप लग रहे हैं।
नाइकी का यह नया कलेक्शन भारतीय पारंपरिक कला, रंगों और संस्कृति को सम्मान देने के मकसद से लॉन्च किया गया था। लेकिन जैसे ही इस अभियान में शामिल इन्फ्लुएंसर नाले की पहचान और उनके पुराने विवादास्पद बयान सामने आए, सोशल मीडिया पर कंपनी की नीयत पर सवाल उठने लगे।
नाले के सोशल मीडिया पोस्ट में उन्होंने जम्मू-कश्मीर को “भारत के कब्जे वाला क्षेत्र” बताया था और भारत सरकार की नीतियों की आलोचना की थी। यूज़र्स ने इन बयानों के स्क्रीनशॉट साझा करते हुए सवाल उठाया कि “क्या भारतीय संस्कृति को सम्मान देना वास्तव में भारत विरोधियों को मंच देने के बराबर है?”
ट्विटर (अब एक्स), इंस्टाग्राम और फेसबुक पर हज़ारों भारतीय यूज़र्स ने #BoycottNike, #NikeInsultsIndia, और #RespectIndianSovereignty जैसे हैशटैग्स के साथ नाइकी के खिलाफ आक्रोश व्यक्त किया।
एक यूजर ने लिखा:
“भारतीय परिधान बेचने के लिए नाइकी को भारत विरोधी लोगों की ज़रूरत क्यों पड़ती है? हमारी संस्कृति को बाजार बनाने वालों को हमारी संवेदनाओं का सम्मान करना चाहिए।”
दूसरे ने लिखा:
“कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है। किसी भी ब्रांड को यह अधिकार नहीं है कि वह ऐसे लोगों को प्रचार के लिए चुने जो भारत की एकता पर सवाल उठाते हों।”
विवाद बढ़ने के बावजूद नाइकी की ओर से अब तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। उपभोक्ताओं और सोशल मीडिया यूज़र्स की ओर से माफ़ी की मांग और नाले को प्रचार अभियान से हटाने की अपीलें लगातार हो रही हैं।इस मुद्दे ने ब्रांड की साख और उसके भारतीय बाजार में मौजूदगी पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं, जो नाइकी के लिए एक बड़ा उपभोक्ता वर्ग माना जाता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि भारत जैसे विविध और भावनात्मक रूप से जुड़ाव रखने वाले बाजार में, ब्रांड्स को सांस्कृतिक और राजनीतिक दृष्टिकोण से बेहद सतर्क रहना चाहिए।ऐसे अभियानों में शामिल चेहरों की पृष्ठभूमि की पूरी जांच, उनके पुराने बयानों और विचारों का आकलन करना आवश्यक है ताकि ब्रांड का मकसद और संदेश सही ढंग से सामने आए।
नाइकी का उद्देश्य भले ही भारतीय संस्कृति का जश्न मनाना रहा हो, लेकिन विवादास्पद व्यक्तित्व को प्रचार का चेहरा बनाकर कंपनी ने लाखों भारतीयों की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है। अब देखना यह है कि नाइकी इस मामले पर क्या सफाई देती है, और वह अपनी छवि सुधारने के लिए कौन से कदम उठाती है।