इज़राइल-ईरान तनाव के बीच शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव
अमेरिका द्वारा ईरान पर एयरस्ट्राइक के बाद निवेशकों में घबराहट, दिनभर की गिरावट के बाद हल्की रिकवरी

आज शेयर बाजार में भारी उतार-चढ़ाव देखने को मिला। दिन की शुरुआत में सेंसेक्स और निफ्टी दोनों में तेज़ गिरावट दिखाई दी। हालांकि दिन के आखिर में थोड़ी रिकवरी हुई, लेकिन बाज़ार फिर भी नुकसान में ही बंद हुआ। सेंसेक्स 511 अंक गिरकर 81,896.79 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 141 अंक गिरकर 24,971.90 पर बंद हुआ। इस गिरावट की मुख्य वजह इज़राइल और ईरान के बीच बढ़ता तनाव और अमेरिका की ईरान पर की गई एयरस्ट्राइक मानी जा रही है।
इस जीयो-पोलिटिक्स तनाव के कारण अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतें बढ़ गईं है जिसके कारण निवेशकों में डर का माहौल बन गया। कच्चे तेल की कीमतें करीब 80 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गई हैं। इस तनाव का असर भारतीय आईटी कंपनियों पर भी पड़ा। विदेशी कंपनियों की आउटसोर्सिंग नीतियों में बदलाव और अमेरिकी बाजार की निश्चित न होने के कारण IT सेक्टर के शेयरों में लगभग 1.8% तक की गिरावट देखने को मिली। इसके अलावा ऑटो और FMCG जैसे सेक्टर भी नुकसान में दिखाई पड़ें। हालांकि मिडकैप और स्मॉलकैप कंपनियों के शेयरों में कुछ तेजी देखी गई। निवेशकों ने इन सेक्टरों में खरीदारी की, जिससे बाज़ार को थोड़ी राहत आयी। रुपये की बात करें तो डॉलर के मुकाबले रुपया भी कमजोर हुआ है। यह दिन में ₹86.78 तक पहुंच गया, जो पिछले बंद के मुकाबले 16 से 17 पैसे की गिरावट है।
बाज़ार विशेषज्ञों का मानना है कि अगर इज़राइल-ईरान विवाद और लंबा खिंचता है, तो इसका असर आने वाले दिनों में और गहरा हो सकता है। कच्चे तेल की कीमतें और बढ़ सकती हैं, जिससे भारत जैसे आयात-निर्भर देश को नुकसान पहुंच सकता है। इसका असर महंगाई और अर्थव्यवस्था पर भी पड़ सकता है। तकनीकी विश्लेषकों का कहना है कि निफ्टी को 24,850 से 25,000 के स्तर पर अच्छा सपोर्ट मिल सकता है। अगर ये स्तर ब्रेक नहीं होते हैं, तो आने वाले हफ्तों में रिकवरी संभव है, खासकर मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में।