भारतीय सिनेमा के जाने-माने निर्देशक सूरज बड़जात्या को उनकी फिल्म ‘उंचाई’ के लिए 70वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार में सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का पुरस्कार मिला है। यह सम्मान आज नई दिल्ली में एक भव्य समारोह में भारत की माननीय राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मू के द्वारा प्रदान किया गया। सूरज बड़जात्या, जो अपनी पारिवारिक और भावनात्मक फिल्मों के लिए प्रसिद्ध हैं, ने इस प्रतिष्ठित पुरस्कार को जीतकर भारतीय सिनेमा में अपनी एक और बड़ी उपलब्धि दर्ज की है।
‘उंचाई’ फिल्म, जो चार दोस्तों की दोस्ती और उनके जीवन के संघर्षों पर आधारित है, ने आलोचकों और दर्शकों का दिल जीता है। इस फिल्म में एक भावनात्मक और प्रेरणादायक कहानी के साथ अद्वितीय सिनेमैटिक दृष्टिकोण प्रस्तुत किया गया है। सूरज बड़जात्या ने इस फिल्म के माध्यम से न केवल दोस्ती की सच्ची भावना को दिखाया है, बल्कि जीवन की चुनौतियों से जूझने और उन्हें पार करने की प्रेरणा भी दी है।
सूरज बड़जात्या भारतीय सिनेमा के एक ऐसे निर्देशक हैं, जिन्होंने पारिवारिक और सांस्कृतिक मूल्यों को अपनी फिल्मों में प्रमुखता दी है। ‘हम आपके हैं कौन’, ‘विवाह’, ‘प्रेम रतन धन पायो’ जैसी फिल्मों ने न केवल बॉक्स ऑफिस पर सफलता पाई, बल्कि दर्शकों के दिलों में भी अपनी एक खास जगह बनाई। उनकी फिल्में आमतौर पर भारतीय पारिवारिक जीवन, परंपराओं और संबंधों की गहरी समझ के साथ बनाई जाती हैं, जो उन्हें एक अलग पहचान दिलाती हैं।
राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार भारत में सिनेमा के क्षेत्र में सबसे बड़े और प्रतिष्ठित पुरस्कारों में से एक माने जाते हैं। इस सम्मान के साथ सूरज बड़जात्या ने एक बार फिर से यह साबित कर दिया है कि वे भारतीय सिनेमा के एक महान निर्देशक हैं, जिन्होंने हमेशा दर्शकों को गुणवत्तापूर्ण और संवेदनशील सिनेमा दिया है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इस अवसर पर सूरज बड़जात्या की प्रशंसा करते हुए कहा, “आपकी फिल्में भारतीय समाज और संस्कृति को दर्शाती हैं। ‘उंचाई’ एक ऐसी फिल्म है जो दोस्ती, संघर्ष और मानवीय भावनाओं को बखूबी प्रस्तुत करती है।”
सूरज बड़जात्या ने अपने करियर में कई हिट फिल्में दी हैं, और उन्होंने हमेशा भारतीय पारिवारिक मूल्यों को प्राथमिकता दी है। उनकी फिल्मों ने सिनेमा के माध्यम से समाज को जोड़ने और प्रेरित करने का काम किया है। ‘उंचाई’ के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का पुरस्कार मिलना उनके लंबे और सफल करियर में एक और मील का पत्थर है।