कांग्रेस उम्मीदवार और पहलवान विनेश फोगाट ने जीती हरियाणा के जुलाना सीट, बीजेपी के योगेश कुमार को 6015 वोटों से हराया
हरियाणा विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की उम्मीदवार और प्रसिद्ध पहलवान विनेश फोगाट ने जुलाना सीट से अपनी पहली चुनावी जीत दर्ज की है। विनेश ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के प्रत्याशी योगेश कुमार को 6015 मतों के अंतर से पराजित किया। यह फोगाट की पहली चुनावी जीत है, और उनके इस शानदार प्रदर्शन ने कांग्रेस को जुलाना क्षेत्र में बड़ी राहत दी है। वहीं, इंडियन नेशनल लोक दल (INLD) के उम्मीदवार सुरेंद्र लाथर तीसरे स्थान पर रहे।
विनेश फोगाट, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने कुश्ती के प्रदर्शन के लिए जानी जाती हैं, उन्होंने राजनीति के अखाड़े में भी अपने दमखम का परिचय दिया। जुलाना विधानसभा क्षेत्र में उनकी जीत को उनके समर्थकों ने बड़ी उपलब्धि के रूप में देखा है। विनेश ने अपने चुनाव प्रचार के दौरान महिलाओं के अधिकार, खेल और युवाओं के विकास को प्रमुख मुद्दा बनाया, जो मतदाताओं के बीच लोकप्रिय साबित हुआ।
बीजेपी के प्रत्याशी योगेश कुमार ने भी जोरदार प्रचार किया, लेकिन विनेश फोगाट के सामने उन्हें हार का सामना करना पड़ा। योगेश कुमार ने बीजेपी की विकास योजनाओं और राज्य में पार्टी की मजबूत पकड़ पर भरोसा किया, लेकिन फोगाट की लोकप्रियता और उनकी जनता के बीच सीधा संवाद इस मुकाबले में भारी पड़ा। फोगाट के पक्ष में महिलाओं और युवाओं का मजबूत समर्थन देखने को मिला, जिसने उनकी जीत को और सुनिश्चित किया।
इंडियन नेशनल लोक दल (INLD) के उम्मीदवार सुरेंद्र लाथर ने भी चुनाव में अपनी किस्मत आजमाई, लेकिन वह तीसरे स्थान पर रहे। लाथर का प्रदर्शन अपेक्षित नहीं रहा, और उनकी पार्टी को इस सीट पर हार का सामना करना पड़ा। जुलाना में INLD का प्रभाव पहले से ही घटता हुआ दिख रहा था, और इस बार की हार ने पार्टी के लिए बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है।
हरियाणा के जुलाना विधानसभा क्षेत्र को राजनीतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण माना जाता है। यहां के मतदाता कृषि, रोजगार और स्थानीय विकास के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करते हैं। विनेश फोगाट की जीत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि क्षेत्र के मतदाता अब युवा नेतृत्व और नई दृष्टिकोण की तरफ आकर्षित हो रहे हैं। विनेश का कुश्ती के क्षेत्र से राजनीति में प्रवेश और फिर उनकी जीत ने जुलाना की राजनीतिक फिजा को बदल दिया है।विनेश फोगाट की जीत ने फोगाट परिवार की राजनीतिक और सामाजिक पहचान को और मजबूती दी है। इससे पहले भी फोगाट परिवार के कई सदस्य खेल और सामाजिक कार्यों में सक्रिय रहे हैं। उनकी इस जीत से परिवार के योगदान को और मान्यता मिली है।