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विधानसभा चुनाव- हरियाणा में बीजेपी ने लगातार तीसरी बार गाड़ा जीत का लठ्ठ, कश्मीर में अब्दुल्ला की बल्ले-बल्ले

हरियाणा और जम्मू -कश्मीर विधानसभा चुनाव के नतीजे आ गए है। आज सुबह घड़ी की सुई के आठ बजने के इशारे के साथ ही EVM में कैद वोटों की गिनती शुरू हुई। हरियाणा में शुरुवाती एक घंटे की गिनती में कांग्रेस को रुझानों में जबरदस्त बढ़त मिलती दिखी तो वही बीजेपी काफी पीछे दिखी। शुरुवाती 2 घंटों की मतगणना के बाद बीजेपी ने न केवल वापसी की बल्कि बहुमत के आकड़े को पार कर लिया और खबर लिखे जाने तक बीजेपी 50 के आकड़े के करीब दिखाई दे रही है तो वही कांग्रेस 35 सीटों के करीब सिमटती दिख रही है.

हरियाणा में कांग्रेस के हाथ निराशा लगी तो पर जम्मू-कश्मीर से पार्टी के लिए राहत भरी खबर है। राज्य की 90 सीटों वाली विधानसभा में नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ गठबंधन में उसे जीत हासिल हुई और नतीजे इस बात की तरफ इशारा करते हैं कि 10 साल बाद हुए चुनाव में कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस गठबंधन को आसानी से सरकार बनाने में कामयाबी हासिल होगी। हालाँकि कांग्रेस अकेले दम पर मात्र 6 सीटों पर जीतती दिख रही है जबकि नेशनल कॉन्फ्रेंस 42 सीटों पर आगे है तो वही बीजेपी के खाते में 29 सीटें जाती दिख रही हैं. 

लोकसभा चुनाव 2024 के एग्जिट पोल्स की तरह हरियाणा विधान सभा चुनाव के एग्जिट पोल्स भी गलत साबित होते दिखाई दे रहे हैं। जहाँ तमाम एग्जिट पोल्स कांग्रेस की बहुत बड़ी जीत का इशारा कर रहे थे तो वही बीजेपी को अधिकतम 25-30 सीटें मिलती दिख रही थी। पर सभी टीवी चैनल और अख़बारों के एग्जिट पोल्स को गलत बताए हुए चुनाव परिणाम ठीक इसके उलट रहे। चुनावों परिणामों में जहाँ बीजेपी बहुमत के जादुई आकड़े के पार जाती दिख रही है तो वही कांग्रेस 35 के करीब पहुँचती दिख रही है। चुनाव परिणाम बताते हैं कि सर्वे करने वाले तमाम टीवी चैनल और अखबार जनता की नब्ज़ टटोलने में नाकाम रहे। आज सुबह से मतगणना केंद्रों पर कड़ी सुरक्षा के बीच मतगणना जारी है। शुरुवाती रुझानों में जहाँ कांग्रेस के लिए बड़ी उम्मीदें दिख रही थी तो वही दिन के दूसरे पहर आते-आते तमाम अटकलों पर विराम लगाते हुए हरियाणा की जनता ने बीजेपी को तीसरी बार राज्य की गद्दी सौंप दी.

चुनाव के मुद्दे

राज्य में कांग्रेस ने किसान, जवान (अग्निवीर) संविधान और पहलवान का मुद्दा उठाया जबकि बीजेपी ने विकास और 10 वर्षों के दौरान किये गए काम के आधार पर वोट माँगा। दिल्ली के जंतर-मंतर पर हुए पहलवानों के प्रदर्शन से उपजी सहानुभूति की लहर पर कांग्रेस पार्टी ने चुनाव लड़ा और पहलवान विनेश फोगाट को चुनावी मैदान में उतारा। विनेश जुलाना विधानसभा सीट से करीब 6 हजार वोटों से चुनाव जीतने में कामयाब रही पर अपनी सीट के अलावा कही और अपना प्रभाव छोड़ने में कामयाब नहीं रही। जबकि चुनाव से ठीक पहले मुख्यमंत्री बदलकर बीजेपी ने सरकार के खिलाफ पनप रही एंटी इंकम्बैंसी को कम करने में कामयाब रही। चुनाव से ठीक पहले मनोहर खट्टर को बदलकर नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री बनाना बीजेपी के लिए फायदे का सौदा रहा.

कांग्रेस की हार के कारण

चुनाव परिणाम कांग्रेस के कमजोर संगठन की तरफ साफ़ इशारा करते हैं। तमाम चुनावी रणनीतिकारों और मीडिया चैनल हरियाणा में एकतरफा मुकाबले की और इशारा कर रहे थे ऐसे में कांग्रेस का  हरियाणा चुनाव के सम्बन्ध में अति-आत्मविश्वास पार्टी के लिए घातक सिद्ध हुआ जबकि बीजेपी अपने संगठन और पार्टी नेतृत्व की बदौलत हारी हुई बाजी को जीतने  में कामयाब हुई और पार्टी लगातार तीसरी बार हरियाणा में चुनाव जीतकर इतिहास रच डाला. 

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