अपने पिता की गाड़ी को बताया भंगार, 16 साल पुरानी Mercedes E20 V6 ईंधन की कमी के कारण रोड पर चलने में असमर्थ।
ईंधन पर लगाया गया प्रतिबंध कितना सही कितना गलत ?

आज के समय में गाड़ी का महत्व काफी बढ़ चुका है। गाड़ी हमारी रोजमर्रा की जिंदगी को आरामदायक बनाने में काम आती है, जो कि हमें एक जगह से दूसरी जगह पल भर में पहुंचा देती है। गाड़ी होने के कारण आपके प्रति लोगों की मानसिकता काफी सम्मानजनक हो जाती है, और आप समाज में दूसरे लोगों को संक्रामक स्वभाव के व्यक्ति लगने लगते हो। व्यक्ति अपनी पहली गाड़ी खरीदते समय काफी ज्यादा सोच-विचार करता है, और गाड़ी को लेने के बाद पूरे समाज में व्यक्ति का मान-सम्मान अधिक बढ़ जाता है।
दिल्ली के रहने वाले रत्न ढिल्लों ने अपने पिताजी की गाड़ी को भंगार क्यों बताया?
दिल्ली के रहने वाले रत्न ढिल्लों ने अपने पिताजी की गाड़ी को कबाड़ बताया है और इसका सीधा-सीधा जिम्मेदार दिल्ली सरकार द्वारा बनाए गए नियमों को बताया है। रतन का कहना है कि उनके पिताजी के पास 16 साल पुरानी Mercedes E20 V6 गाड़ी है जो कि बहुत ही अच्छी और प्रीमियम गाड़ी है और इसमें अभी तक किसी भी प्रकार की कोई भी समस्या देखने को नहीं मिली है। उनके पिताजी गाड़ी की सर्विसिंग, इंजन और नेविगेशन बटन को हर हफ्ते चेक करते हैं, पर रतन का कहना है दिल्ली सरकार के नियम के कारण मेरे पिताजी की गाड़ी सही हालत में होने के बावजूद एक भंगार बन गई है। दिल्ली सरकार ने पहले पुरानी गाड़ियों के उप्र प्रतिबंध लगाया था, पर अब दिल्ली सरकार ने पुरानी गाड़ियों में ईंधन डलवाने के उप्र भी प्रतिबंध लगा दिया है, और इसके कारण वो अपने पिताजी की गाड़ी में ईंधन नहीं भरवा पा रहे हैं। रतन सोशल मीडिया पर पोस्ट कर अपने पिताजी जी की गाड़ी को कबाड़ बताते हैं, जिस पर काफी सारे यूजर्स ने अपनी अलग-अलग राय दी है।
लोगों ने ईंधन के नियम पर प्रतिबंध लगाने पर रतन की पोस्ट पर क्या कमेंट किया? कमेंट करना सही था या गलत?
कुछ यूजर्स कमेंट कर लिखते हैं, “अगर गाड़ी का दिल्ली में ईंधन भरवाना मना है तो रतन दूसरे राज्यों में अपनी गाड़ी को ले जाके गाड़ी की देख देखभाल कर सकते हैं.” दूसरे यूजर का कहना है, “कुछ देशों में लोग गाड़ी के लिए एक खास लाइसेंस बनवाते हैं, हमारे देश में भी लाइसेंस बनवाने का नियम लघु कर देना चाहिए ताकि व्यक्ति अपनी पुरानी गाड़ी को बिना किसी रुकावट के चला सके.” कुछ लोगों का मानना है कि 10-15 साल पुरानी गाड़ियाँ दिल्ली में नहीं चलाई जा सकतीं, पर अन्य राज्यों में यह नियम नहीं आया है।
रतन का पोस्ट करके अपनी नाराज़गी दिखाना पूरी तरह से गलत नहीं था, क्योंकि उनके पिताजी की गाड़ी के साथ उनकी काफी ज्यादा यादगार यादें जुड़ी हुई हैं जो कि भुलाई नहीं जा सकतीं, पर सरकार का ये नियम पूरी तरह से गलत भी नहीं बताया जा सकता क्योंकि पुरानी गाड़ियों पर रोक लगाना जरूरी है ताकि प्रदूषण को रोका जा सके। हालांकि सरकार को पुरानी गाड़ियों में ईंधन डलवाने की रोक में बदलाव करना चाहिए ताकि लोगों को अपनी पुरानी गाड़ी को लेकर भंगार बोलने की नौबत न आए।