देश भर में गुरुवार को हर तरफ वैशाख पूर्णिमा की धूम है। इस मौके पर लोग गंगा में आस्था की डुबकी लगा रहे हैं। अलग-अलग शहरों में गंगा स्नान करने के लिए सुबह से ही भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिल रही है।
इसी कड़ी में गुरुवार को भगवान बुद्ध की प्रथम उपदेश स्थली वाराणसी के सारनाथ में बौद्ध धर्म के अनुयायियों ने महाबोधि सोसायटी ऑफ इंडिया के परिसर में भगवान बुद्ध की प्रतिमा के समक्ष रखे गए पवित्र अस्थि अवशेष के दर्शन किए। भगवान बुद्ध की पवित्र अस्थि अवशेष के दर्शन साल में दो बार किए जा सकते हैं।
बैसाख पूर्णिमा और कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर आम श्रद्धालु बुद्ध की पवित्र अस्थि अवशेष के दर्शन करते हैं। इस अवसर पर सारनाथ में सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त भी किए गए हैं।
वैशाख पूर्णिमा के अवसर पर ही भगवान बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। बौद्ध धर्म में वैशाख पूर्णिमा का अत्यधिक महत्व है। इस अवसर पर मंदिर परिसर में पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरण किया गया।
स्कूली बच्चों ने धर्म चक्र रैली निकालकर भगवान बुद्ध के उपदेशों को आत्मसात करने का आह्वान किया। महाबोधि सोसायटी ऑफ इंडिया के भिक्षुक जिनानंद ने बताया कि आज का दिन काफी अच्छा है। इस दिन देश-विदेश से काफी संख्या में श्रद्धालु भगवान बुद्ध की पवित्र अस्थि के अवशेष के दर्शन करने आते हैं। इस अवसर पर उन्हें प्रसाद देने के साथ-साथ अस्थि अवशेष के दर्शन कराए जाते हैं।