अब आर्मी के हवाले- “आमार शोनार बांग्ला”
आरक्षण विरोधी प्रदर्शनों और उसके बाद भड़की हिंसा, तोड़फोड़ और आगजनी के बाद प्रधानमंत्री शेख हसीना ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफ़ा दे दिया है और देश छोड़कर चली गई हैं। गौरतलब है की पिछले कुछ हफ़्तों से बांग्लादेश में छात्र संगठन नौकरी में आरक्षण ख़त्म करने और प्रधानमंत्री पद से शेख हसीना के इस्तीफे की मांग को लेकर सड़कों पर हैं। विरोध प्रदर्शनों के चलते हुई हिंसा में अब तक 300 से अधिक लोगों की जान चली गयी और बड़ी तादाद में लोग घायल हैं। अकेले रविवार को हुई हिंसा में 91 लोगों की मौत हो गई जिनमे 14 पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। देश में बढ़ती हिंसा को देखते हुए सरकार ने सोशल मीडिया पर पाबन्दी लगा दी थी और साथ ही देश में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू भी लगा दिया था.
बढ़ती हिंसा और विरोध प्रदर्शनों के चलते शेख हसीना ने आज प्रधानमंत्री पद से इस्तीफ़ा दे दिया। इस्तीफे की पुष्टि खुद बांग्लादेश के आर्मी चीफ जनरल वकार जमान ने मीडिया से बातचीत में की। बांग्लादेश के सेनाध्यक्ष ने मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि जल्द ही देश में अंतरिम सरकार का गठन किया जायेगा इसके लिए सभी विपक्षी पार्टियों से बातचीत की जा रही है। प्रधानमंत्री पद से इस्तीफ़ा देने के बाद शेख हसीना वायुसेना के विमान के जरिये देश से बाहर निकल गई.
शेख हसीना के इस्तीफे की inside Story
बांग्लादेश में हिंसा और प्रदर्शनों का लंबा इतिहास रहा है, कई बार हसीना सरकार के खिलाफ प्रदर्शन हो चुके हैं। हाल ही में आरक्षण को लेकर बांग्लादेश में में बवाल शुरू हो गया था। दरअसल, बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में जबरदस्त आरक्षण था। सरकारी नौकरियों में फ्रीडम फाइटर्स और उनके बच्चों के लिए 30%, जंग से प्रभावित हुईं महिलाओ के लिए 10%, अलग-अलग जिलों के लिए 40% आरक्षण था जबकि बाकी 20% मेरिट वालों के लिए था।
हालांकि, इस कोटा सिस्टम में समय-समय पर बदलाव होता रहा, लेकिन फ्रीडम फाइटर्स और उनके बच्चों को मिलने वाला आरक्षण जस का तस रहा। 2018 में हसीना सरकार ने इस पूरे कोटा सिस्टम को खत्म कर दिया। इसी साल जून में हाईकोर्ट ने हसीना सरकार के उस फैसले को गलत ठहराया और आरक्षण फिर से लागू करने का आदेश दिया। सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में इस फैसले को चुनौती दी जहाँ कोर्ट ने इसे घटाकर 5 % कर दिया
बांग्लादेश में जारी प्रदर्शनों के बीच 16 जुलाई को हिंसा तब भड़क उठी, जब राजधानी ढाका में प्रदर्शनकारी और सरकार समर्थकों के बीच झड़प में छह लोगों की मौत हो गई। इसके बाद हसीना सरकार ने सभी स्कूल और कॉलेज बंद कर दिए। इस बीच प्रदर्शनकारियों ने कई सरकारी इमारतों के साथ-साथ बांग्लादेश टीवी के हेडक्वार्टर को भी आग लगा दी। सरकार ने प्रदर्शन रोकने के लिए इंटरनेट पर प्रतिबांध लगा दिया।
इसी दौरान 21 जुलाई को कोटा सिस्टम पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले को पलट दिया, सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार सरकारी नौकरियों में फ्रीडम फाइटर्स और उनके बच्चों के लिए 5% तक कोटा फिक्स कर दिया। इसके बाद छात्रों का गुस्सा थोड़ा शांत हुआ.
चार अगस्त को छात्रों ने शेख हसीना के इस्तीफे की मांग को लेकर असहयोग आंदोलन शुरू कर दिया. इस दौरान जगह-जगह हिंसा हुई. इस हिंसा में 14 पुलिसकर्मियों सहित 91 लोगों की मौत हो गई.
हिंडन एयरपोर्ट पर उतरा हसीना का विमान
इस्तीफ़ा देने के बाद वायुसेना के विमान से शेख हसीना बांग्लादेश छोड़कर देश से बहार चली गयी और शाम करीब 5 बजकर 35 मिनट पर शेख हसीना का विमान गाजियाबाद के हिंडन एयरपोर्ट पर उतरा जहाँ भारतीय वायुसेना के अधिकारीयों ने उनको रिसीव किया। हिंडन एयरपोर्ट पर ही भारत के NSA अजित डोवाल ने शेख हसीना से मुलाकात की और पुरे घटनाक्रम के बारे में जानकारी ली। अभी तक प्राप्त सुचना के आधार पर यह कहना मुश्किल है कि शेख हसीना का अगला एकदम क्या होगा। हालंकि मीडिया में उनके लंदन में शरण लिए जाने की भी चर्चा है पर इसकी पुष्टि होना बांकी है। फिलहाल शेख हसीना हिंडन एयरपोर्ट के सेफ हाउस में गरुड़ कमांडो के सुरक्षा घेरे में है.
बांग्लादेश में शेख हसीना के इस्तीफे के बाद छात्र संगठनों में ख़ुशी का माहौल है तो वही बांग्लादेश के मौजूदा हालात भारत के लिए चिंता का कारण बन सकते हैं। भारत – बांग्लादेश के संबंध शेख हसीना के नेतृत्व में दिनोंदिन और मजबूत हो रहे थे, पर अब उपजी अनिश्चिता और नई सरकार में कट्टरपंथियों के संभावित प्रभाव को देखते हुए भारत को अधिक सतर्कता बरतने की जरूरत है। विदेशमंत्री जयशंकर ने बांग्लादेश के मौजूदा हालात पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जानकारी दी है। प्रधानमंत्री मोदी ने बांग्लादेश के मुद्दे पर वरिष्ठ नेताओं से चर्चा की है जिसमे राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवाल भी मौजूद थे.