लैरी बर्ड : जिनके हाथों में बास्केटबॉल आते ही, कोर्ट एक जादुई दुनिया बन जाती थी
18 अगस्त 1992, एक तारीख जो बास्केटबॉल के इतिहास में बेहद खास है। इसी दिन, सालों से कोर्ट पर राज करने वाले, शूटिंग के जादूगर लैरी बर्ड ने बतौर खिलाड़ी बास्केटबॉल को अलविदा कह दिया था। लैरी बर्ड, नाम ही काफी है। बोस्टन सेल्टिक्स की जर्सी पहने बर्ड सिर्फ एक खिलाड़ी नहीं, बल्कि एक युग थे। उनके हाथों में बास्केटबॉल आते ही, दर्शकों की सांसे थम जाती थी। वह हर शॉट, हर पास, हर मूवमेंट के साथ एक नया रोमांचक पल रच रहे होते थे।
लैरी बर्ड को बास्केटबॉल इतिहास के सबसे महान खिलाड़ियों में से एक माना जाता है। कॉलेज में इंडियाना स्टेट का प्रतिनिधित्व करने वाला यह लीजेंड एक गरीब परिवार में पैदा हुआ था। वह बचपन में शर्मीले और अंतर्मुखी थे। लेकिन छह फुट नौ इंच लंबे इस लड़के की असली ताकत उसके हाथों में थी। वह गेंद के साथ ऐसा जादू कर सकते थे कि उनको इस खेल के इतिहास में ‘सर्वकालिक महान शूटर’ में गिना जाता है।
लैरी बर्ड ने अपने करियर में बोस्टन सेल्टिक्स के लिए खेला। मिशिगन स्टेट की टीम से खेलने वाले मैजिक जॉनसन के साथ उनकी जबरदस्त प्रतिद्वंदिता थी। इन दोनों की प्रतिद्वंद्विता ने 1980 के दशक में एनबीए को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया। बर्ड ने सेल्टिक्स को तीन बार (1981, 1984 और 1986) खिताब जिताया था।
लैरी बर्ड की लोकप्रियता ने उनको इस खेल में मोटी कमाई भी कराई। वह अपने समय में सबसे ज्यादा कमाई करने वाले खिलाड़ियों में शामिल थे। लैरी बर्ड की कमाई ने सिर्फ उनके जीवन को ही नहीं बदला, बल्कि बास्केटबॉल जगत को भी बदल दिया। जिसमें खिलाड़ी न केवल अपने खेल के लिए, बल्कि अपनी कमाई के लिए भी जाने जाते थे।
‘द ग्रेट व्हाइट होप’ के नाम से मशहूर बर्ड को करियर के अंतिम वर्षों में पीठ की चोट का सामना करना पड़ा, फिर भी उन्हें बार्सिलोना ओलंपिक में अमेरिकी ड्रीम टीम का हिस्सा बनाया गया था। ओलंपिक में बर्ड सीमित तौर पर ही खेले थे, लेकिन उनका अपनी टीम पर इतना जबरदस्त प्रभाव था कि अमेरिकी टीम ने आसानी से स्वर्ण पदक जीत लिया। ओलंपिक के बाद बर्ड ने संन्यास ले लिया और सेल्टिक्स में सहायक कोच बन गए। 1997 से 2000 तक उन्होंने इंडियाना पेसर्स को कोच किया और 1998 में उन्हें कोच ऑफ द ईयर चुना गया।
महान खिलाड़ी अक्सर प्रतिभा को सबसे बेहतर पहचानते हैं और लैरी बर्ड भी इस बात का अपवाद नहीं थे। उन्होंने माइकल जॉर्डन को स्टार बनने से पहले ही एनबीए का भविष्य बता दिया था। 5 फरवरी, 1985 को जब बोस्टन सेल्टिक्स ने शिकागो बुल्स को 110-106 से हराया था, तब लैरी बर्ड ने एक ऐसी प्रतिभा देखी थी, जिसके बारे में उन्होंने भविष्यवाणी की थी कि जल्द ही स्टेडियम जॉर्डन को देखने के लिए भर जाएंगे।
लैरी बर्ड के बारे में दिलचस्प तथ्य यह भी है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ के पूर्व नाम ट्विटर के लोगो को लैरी द बर्ड नाम से जाना जाता था। दावा किया जाता है कि इसकी प्रेरणा भी बास्केटबॉल का ये उम्दा खिलाड़ी ही था।