मणिपुर की राजधानी इंफाल में मंगलवार को छात्रों का प्रदर्शन हिंसक हो गया। छात्र राजभवन की तरफ मार्च कर रहे थे। पुलिस द्वारा रोके जाने पर नारेबाजी तेज हो गई और उसी दौरान पत्थरबाजी और कांच के मार्बल फेंके जाने लगे। पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आँसू गैस के गोले दागे। पुलिस से झड़प में करीब 50 छात्र घायल हो गए और उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। गौरतलब है कि मणिपुर पिछले काफी समय से जातीय संघर्ष से जूझ रहा है और केंद्र ने हिंसा ग्रस्त मणिपुर में सुरक्षा के लिए अतिरिक्त 2 हजार सीआरपीएफ के जवानों की तैनाती की है.
छात्र मणिपुर में कानून व्यस्था की स्थिति को सँभालने में कथित रूप से असमर्थता के लिए डीजीपी और राज्य सरकार के सुरक्षा सलाहकार को हटाने की मांग कर रहे है। छात्रों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए पूर्वी और पश्चिमी इंफाल में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगाया गया है। लोगों को घरों में रहने की सलाह दी गई है। जबकि कुछ जिलों में इंटरनेट सेवा बंद की गयी है। राज्य सरकार ने एक अधिसूचना में कहा कि यह निर्णय सोशल मीडिया पर अफवाह फ़ैलाने से रोकने के लिए लिया गया है। मणिपुर यूनिवर्सिटी के छात्रों ने भी विरोध रैली निकाली और राज्य सचिवालय की तरफ बढ़ रहे थे पर सुरक्षाबलों ने छत्रों की इस रैली को इम्फाल पश्चिम के ककवा में रोक दिया.
मंगलवार शाम को मणिपुर सरकार की तरफ से एक संशोधित आदेश जारी किया गया जिसमे कहा गया की छात्रों के आंदोलन और कानून व्यस्था की चुनौतियों को देखते हुए 5 जिलों में इंटरनेट सेवायें बंद रहेगी। जबकि इससे पहले जारी आदेश में पुरे राज्य में अगले 5 दिनों तक इंटरनेट सेवा बंद रहने की बात कही गई थी। राज्य के गृह विभाग ने कहा ‘ मणिपुर के इंफाल पश्चिम, इंफाल पूर्व सहित अन्य 3 और जिलों में इंटरनेट सेवा अगले 5 दिनों तक बंद रहेगी.