अंतरराष्ट्रीयराजनीति

पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन के दौरान पीएम मोदी ने की थाईलैंड और लाओस के नेताओं से मुलाकात

पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने थाईलैंड की प्रधानमंत्री पैतोंगटार्न शिनावात्रा और लाओस के राष्ट्रपति से मुलाकात की। इस दौरान क्षेत्रीय सहयोग को मजबूत करने और आपसी रिश्तों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने पर चर्चा हुई। प्रधानमंत्री मोदी और थाईलैंड की प्रधानमंत्री शिनावात्रा ने बिम्सटेक (BIMSTEC) के जरिए क्षेत्रीय सहयोग को और अधिक सशक्त करने पर जोर दिया।

प्रधानमंत्री मोदी और थाईलैंड की प्रधानमंत्री पैतोंगटार्न शिनावात्रा के बीच हुई चर्चा में बिम्सटेक के अंतर्गत क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ाने के मुद्दे पर विशेष ध्यान दिया गया। बिम्सटेक एक क्षेत्रीय संगठन है, जो बंगाल की खाड़ी के आसपास के देशों के बीच आर्थिक, तकनीकी और विकासात्मक सहयोग को बढ़ावा देता है। दोनों नेताओं ने इस बात पर सहमति व्यक्त की कि इस संगठन को और अधिक प्रभावी बनाया जाना चाहिए, ताकि क्षेत्रीय विकास और स्थिरता को मजबूती मिले।

प्रधानमंत्री मोदी ने लाओस के राष्ट्रपति से भी द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की। दोनों नेताओं ने भारत और लाओस के बीच आर्थिक, सांस्कृतिक और रणनीतिक सहयोग को मजबूत करने की प्रतिबद्धता जताई। लाओस, जो एशिया का एक महत्वपूर्ण देश है, भारत के साथ बेहतर सहयोग से अपनी अर्थव्यवस्था और विकास के विभिन्न क्षेत्रों में लाभ प्राप्त कर सकता है। प्रधानमंत्री मोदी ने लाओस के विकास कार्यों में भारत की ओर से हर संभव सहायता प्रदान करने की बात कही।

पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी की अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन से भी एक संक्षिप्त बातचीत हुई। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने संयुक्त राज्य अमेरिका में आए तूफान मिल्टन के कारण हुई जनहानि पर शोक व्यक्त किया और अमेरिका के प्रति अपनी संवेदना प्रकट की। उन्होंने इस कठिन समय में अमेरिका के लोगों के प्रति एकजुटता जताई।

प्रधानमंत्री मोदी की इन मुलाकातों का मुख्य उद्देश्य न केवल द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना था, बल्कि क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर सहयोग बढ़ाना भी था। पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन एक ऐसा मंच है, जहां एशिया-प्रशांत क्षेत्र के प्रमुख नेता मिलते हैं और विभिन्न राजनीतिक, आर्थिक, और सुरक्षा संबंधित मुद्दों पर विचार-विमर्श करते हैं।पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी की थाईलैंड और लाओस के नेताओं के साथ हुई मुलाकात से यह स्पष्ट होता है कि भारत क्षेत्रीय सहयोग को मजबूत करने और एशिया-प्रशांत क्षेत्र में स्थिरता और विकास को प्राथमिकता दे रहा है।

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