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उत्तराखंड सरकार ने खाने में थूकने पर लगाया 1 लाख तक का जुर्माना, रसोई में सीसीटीवी और पुलिस वेरिफिकेशन अनिवार्य

उत्तराखंड सरकार ने राज्य में खाद्य स्वच्छता और उपभोक्ता सुरक्षा को सुदृढ़ करने के लिए कड़े नियमों की घोषणा की है। हाल के घटनाक्रमों के बाद, जिनमें खाने में थूकने जैसी गंभीर शिकायतें आई थीं, सरकार ने सख्त कदम उठाते हुए इस तरह की हरकतों पर जुर्माने और कड़ी सजा का प्रावधान किया है। नए नियमों के तहत, खाने में थूकने पर दोषी व्यक्ति पर 1 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है और ऐसे मामलों में कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी।

सरकार ने राज्य में सभी रेस्तरां, होटल, ढाबों और कैटरिंग सेवाओं को निर्देश दिया है कि वे अपनी रसोई में सीसीटीवी कैमरे लगाएं। यह कदम ग्राहकों के स्वास्थ्य और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है ताकि रसोई के अंदर की गतिविधियों की निगरानी की जा सके और कोई अवांछित घटना न हो सके।

इसके अलावा, सभी रसोई में काम करने वाले कर्मचारियों का पुलिस वेरिफिकेशन भी अनिवार्य कर दिया गया है। सरकार का मानना है कि इस पहल से न केवल खाद्य स्वच्छता सुनिश्चित होगी, बल्कि अपराधियों की पहचान और उन्हें रोकने में भी मदद मिलेगी।

यह कदम हाल ही में सोशल मीडिया पर वायरल हुए कुछ वीडियो के बाद उठाया गया है, जिनमें खाना बनाते समय कुछ कर्मचारियों द्वारा जानबूझकर खाने में थूकते हुए देखा गया। इन घटनाओं ने जनता में आक्रोश पैदा किया और सरकार को मजबूर किया कि वह खाद्य सुरक्षा के प्रति सख्त कदम उठाए।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने इस बारे में बयान जारी करते हुए कहा, *“हमारी सरकार राज्य में खाद्य सुरक्षा और स्वच्छता से किसी भी प्रकार का समझौता नहीं करेगी। जिन लोगों ने ऐसी घृणित हरकतें की हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि राज्य में खाने की गुणवत्ता को बनाए रखा जाए।”*

नए नियमों के तहत, अगर कोई कर्मचारी या व्यक्ति खाने में थूकते हुए पाया जाता है, तो उस पर 1 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा। इसके अलावा, दोषी पाए जाने पर संबंधित व्यक्ति को जेल की सजा भी हो सकती है। यह जुर्माना और सजा खाने की गुणवत्ता और जनता के स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं।

इस नए नियम पर राज्य के कई रेस्तरां मालिकों और खाद्य उद्योग से जुड़े लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। कुछ ने इसे आवश्यक कदम बताया, जबकि कुछ ने इसे आर्थिक बोझ मानते हुए सवाल उठाए हैं। हालांकि, अधिकतर जनता ने सरकार के इस कदम का स्वागत किया है और इसे उपभोक्ताओं के लिए एक सकारात्मक बदलाव माना है। उत्तराखंड सरकार का यह नया कदम उपभोक्ताओं की सुरक्षा और खाद्य स्वच्छता की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।

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