रतन टाटा की वसीयत: परिवार के साथ पालतू कुत्ते टीटो और बटलर भी होंगे वारिस
उद्योगपति और टाटा समूह के चेयरमैन रतन टाटा की वसीयत में न केवल उनके परिवार के सदस्य बल्कि उनके प्रिय पालतू कुत्ते टीटो और बटलर भी हिस्सेदार होंगे। इस निर्णय ने टाटा के स्नेही और उदार स्वभाव को एक बार फिर से उजागर कर दिया है, जिससे यह साफ़ होता है कि उन्होंने अपने जीवन में परिवार के साथ-साथ अपने पालतू और सहायकों को भी उतना ही महत्व दिया है।
रतन टाटा, जो अपने शांत स्वभाव और परोपकार के लिए जाने जाते हैं, ने अपने कुत्ते टीटो के प्रति विशेष लगाव रखा। टाटा की वसीयत में टीटो और बटलर का नाम शामिल कर उन्होंने अपने प्यारे साथी और भरोसेमंद सहायकों के प्रति कृतज्ञता जताई है। टाटा परिवार से जुड़े एक करीबी सूत्र ने बताया कि रतन टाटा का टीटो के साथ एक अनमोल रिश्ता था, जिसे उन्होंने अपनी वसीयत में भी जगह दी है।
रतन टाटा का जीवन परोपकार, सादगी और परिवार के प्रति समर्पण का उदाहरण है। वसीयत में टाटा ने अपने भाई-बहनों को भी हिस्सेदार बनाया है। उन्होंने हमेशा अपने पारिवारिक मूल्यों को महत्व दिया है, जो उनकी वसीयत में भी झलकता है। टाटा के कुत्ते टीटो और उनके बटलर को वसीयत में शामिल करने का निर्णय कई लोगों के लिए प्रेरणा है। रतन टाटा ने हमेशा अपने साथ काम करने वाले कर्मचारियों और सहायकों के साथ सम्मानजनक संबंध बनाए रखे हैं।
सूत्रों के अनुसार, रतन टाटा ने अपनी वसीयत में कुछ हिस्से को परोपकारी कार्यों के लिए भी समर्पित किया है। उनके नेतृत्व में टाटा समूह ने शिक्षा, स्वास्थ्य, और समाज सेवा में कई बड़े योगदान दिए हैं। टाटा की वसीयत से यह भी पता चलता है कि उनके पास केवल व्यावसायिक सफलता ही नहीं, बल्कि सामाजिक उत्तरदायित्व की भावना भी गहरी है।
रतन टाटा की इस उदारता ने उनके अनुकरणीय व्यक्तित्व को और अधिक प्रभावशाली बना दिया है। अपने प्रिय कुत्ते और बटलर को वसीयत में शामिल कर टाटा ने एक गहरा संदेश दिया है कि परिवार केवल खून के रिश्तों तक सीमित नहीं होता, बल्कि इसमें वे लोग भी शामिल होते हैं जिन्होंने आपके जीवन में बिना शर्त प्यार और समर्थन दिया हो।