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हिमाचल प्रदेश में मछली पकड़ने पर चार महीने का प्रतिबंध, ट्राउट मछली संरक्षण के लिए उठाया कदम

हिमाचल प्रदेश मत्स्य विभाग ने शुक्रवार को राज्य की प्रमुख नदियों और उनकी सहायक नदियों में ट्राउट मछली पकड़ने पर चार महीने का प्रतिबंध लगाने की घोषणा की। यह प्रतिबंध लगभग 600 किलोमीटर के क्षेत्र में लागू होगा। इस कदम का उद्देश्य राज्य में ट्राउट मछलियों की आबादी को संरक्षित करना और उनके प्रजनन काल के दौरान उन्हें आवश्यक सुरक्षा प्रदान करना है।

यह प्रतिबंध आगामी चार महीने यानी नवंबर से फरवरी तक लागू रहेगा। मत्स्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि यह अवधि ट्राउट मछलियों के प्रजनन का समय होती है, जब वे नदियों में अंडे देती हैं और उनकी संख्या बढ़ती है। ऐसे में मछलियों को पकड़ने से उनकी प्रजनन प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न हो सकती है, जिससे उनकी संख्या में गिरावट आ सकती है।मत्स्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “हमने यह निर्णय ट्राउट मछली संरक्षण और उनकी प्रजनन प्रक्रिया को सुरक्षित रखने के लिए लिया है। यह कदम न केवल पर्यावरण संतुलन को बनाए रखने में सहायक होगा, बल्कि राज्य की पारिस्थितिकी प्रणाली को भी मजबूत करेगा।”

यह प्रतिबंध राज्य के प्रमुख नदियों जैसे ब्यास, सतलुज, रावी, और उनकी सहायक नदियों पर लागू होगा। यह क्षेत्र लगभग 600 किलोमीटर लंबा है और हिमाचल प्रदेश में ट्राउट मछलियों की एक महत्वपूर्ण आबादी का घर है। इन नदियों के किनारे बसे मछुआरे और स्थानीय लोग इस फैसले से प्रभावित होंगे, लेकिन सरकार ने उनके लिए वैकल्पिक साधनों की व्यवस्था करने का आश्वासन दिया है।

विशेषज्ञों का मानना है कि इस प्रकार के प्रतिबंधों से मछलियों की प्रजातियों को संरक्षित करने में मदद मिलती है और पारिस्थितिकी तंत्र संतुलित रहता है। हालांकि, इस कदम से मछुआरों की आय पर असर पड़ सकता है। राज्य सरकार ने प्रभावित मछुआरों के लिए सहायता योजनाओं की घोषणा करने का विचार भी किया है ताकि इस अवधि में उनकी आर्थिक स्थिति प्रभावित न हो।मछुआरों के एक संगठन के नेता ने कहा, “हमें समझ में आता है कि यह प्रतिबंध मछलियों के संरक्षण के लिए आवश्यक है, लेकिन सरकार को हमें इस अवधि में सहायता प्रदान करनी चाहिए ताकि हमारी आजीविका प्रभावित न हो।”

मत्स्य विभाग ने लोगों को इस प्रतिबंध के बारे में जागरूक करने के लिए एक विशेष अभियान शुरू करने का भी निर्णय लिया है। इसके तहत स्थानीय निवासियों और मछुआरों को बताया जाएगा कि यह प्रतिबंध क्यों आवश्यक है और इसके लाभ क्या हैं।मत्स्य विभाग के अधिकारी ने कहा, “हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि लोग इस प्रतिबंध का पालन करें और इसके महत्व को समझें। हमारे पास निरीक्षकों की टीम भी होगी, जो यह सुनिश्चित करेगी कि प्रतिबंध का उल्लंघन न हो।”

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