भारत में बढ़ रहा है ब्रेस्ट कैंसर का ग्राफ, 2021 में पहुंचे 12.5 लाख मामले
ब्रेस्ट कैंसर के मामलों में लगातार वृद्धि

एक भारत-आधारित अध्ययन से पता चला है कि देश में ब्रेस्ट कैंसर के मरीजों की संख्या 2000 से लगातार बढ़ रही है। 2021 में यह संख्या लगभग 12.5 लाख तक पहुंच गई, जो भारत की कुल जनसंख्या का लगभग 1% है।देश के विभिन्न संस्थानों के शोधकर्ताओं ने यह अध्ययन किया।(Autoregressive Integrated Moving Average) का उपयोग करके ब्रेस्ट कैंसर के भविष्य के आंकड़ों की भविष्यवाणी की गई।अध्ययन में यह निष्कर्ष निकाला गया कि भारत में ब्रेस्ट कैंसर के मामलों में भविष्य में भी वृद्धि होती रहेगी।
शोधकर्ताओं ने आर्थिक प्रभाव पर भी प्रकाश डाला।2030 तक, ब्रेस्ट कैंसर से संबंधित इलाज और अन्य खर्चों का अनुमानित बोझ $13.96 बिलियन (लगभग ₹1,160 अरब) होगा।यह आर्थिक बोझ न केवल स्वास्थ्य सेवा प्रणाली पर बल्कि देश की अर्थव्यवस्था पर भी प्रभाव डालेगा।
विशेषज्ञों के अनुसार, ब्रेस्ट कैंसर के बढ़ने के पीछे कई कारण हो सकते हैं:आधुनिक जीवनशैली और शारीरिक गतिविधियों की कमी।लोगों में जागरूकता की कमी और समय पर जांच न कराना। बढ़ती आबादी के साथ बीमारी के मामलों में भी इजाफा।शोधकर्ताओं ने ब्रेस्ट कैंसर के बढ़ते मामलों को रोकने के लिए जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया।नियमित स्वास्थ्य जांच और प्रारंभिक चरण में निदान पर ध्यान देना आवश्यक है।स्वस्थ जीवनशैली अपनाने और जोखिम वाले कारकों को कम करने पर जोर दिया गया।
विशेषज्ञों ने कहा कि सरकार और स्वास्थ्य संगठनों को एक व्यापक रणनीति तैयार करनी चाहिए:मुफ्त जांच और इलाज की सुविधा।ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में जागरूकता कार्यक्रम चलाना।कैंसर रिसर्च और इलाज के लिए फंडिंग बढ़ाना।
यह अध्ययन भारत में ब्रेस्ट कैंसर के गंभीर और तेजी से बढ़ते खतरे की ओर इशारा करता है। यदि समय पर इस समस्या का समाधान नहीं निकाला गया, तो यह न केवल स्वास्थ्य सेवा प्रणाली पर दबाव डालेगा बल्कि देश की आर्थिक स्थिति को भी प्रभावित करेगा। जागरूकता, प्रारंभिक जांच, और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के जरिए इस समस्या का समाधान संभव है।