
टाटा समूह के स्वामित्व वाली एयर इंडिया ने शनिवार को एक महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए कहा कि वह विमान दुर्घटना में जान गंवाने वाले यात्रियों के परिजनों और इकलौते जीवित बचे व्यक्ति को 25 लाख रुपये की अंतरिम मुआवजा राशि देगी। यह सहायता उनकी तत्काल वित्तीय जरूरतों को पूरा करने के उद्देश्य से दी जा रही है। यह अंतरिम सहायता राशि, टाटा सन्स द्वारा पहले घोषित की गई एक करोड़ रुपये की मुआवजा राशि के अतिरिक्त होगी।
एयर इंडिया की ओर से जारी आधिकारिक बयान में कहा गया, “हम इस अत्यंत दुखद घटना में जान गंवाने वालों के प्रति गहरी संवेदना प्रकट करते हैं। कंपनी इस कठिन समय में पीड़ित परिवारों के साथ खड़ी है और हर संभव सहायता देने के लिए प्रतिबद्ध है। मृतकों के परिजनों और हादसे में बच जाने वाले एकमात्र व्यक्ति को 25 लाख रुपये की अंतरिम सहायता राशि दी जा रही है, ताकि वे तत्काल आवश्यकताओं को पूरा कर सकें।”
इससे पहले, टाटा सन्स ने प्रत्येक मृतक के परिवार को एक-एक करोड़ रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की थी, जो कि अब तक किसी भी विमान दुर्घटना के बाद भारत में घोषित सबसे बड़ी सहायता राशियों में से एक मानी जा रही है।
यह दुखद विमान हादसा हाल ही में एक अंतरराष्ट्रीय उड़ान के दौरान हुआ था, जिसमें विमान के रनवे पर फिसलने के कारण कई लोगों की मौत हो गई और कुछ गंभीर रूप से घायल हो गए। हादसे की जांच का कार्य एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) द्वारा किया जा रहा है।
एयर इंडिया के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “हम जांच में पूरा सहयोग कर रहे हैं और यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि पीड़ित परिवारों को हर संभव राहत मिले।”टाटा समूह और एयर इंडिया द्वारा उठाए गए इस कदम को सामाजिक जिम्मेदारी की मिसाल के तौर पर देखा जा रहा है। संकट की इस घड़ी में पीड़ित परिवारों के लिए त्वरित सहायता प्रदान कर कंपनी ने संवेदनशीलता और तत्परता का परिचय दिया है।
एयर इंडिया ने यह भी स्पष्ट किया है कि अंतरिम मुआवजा राशि जल्द से जल्द प्रभावित परिवारों के खातों में स्थानांतरित की जाएगी। इसके लिए आवश्यक दस्तावेजों और पहचान की प्रक्रिया को सरल किया गया है ताकि किसी तरह की देरी न हो।परिजनों से संपर्क बनाए रखने और उन्हें उचित परामर्श और सहयोग देने के लिए एक विशेष टीम भी गठित की गई है, जो 24×7 आधार पर काम कर रही है।
टाटा समूह और एयर इंडिया द्वारा पीड़ितों के प्रति दिखाई गई संवेदनशीलता और मुआवजे की यह पहल न केवल राहत पहुंचाने वाला कदम है, बल्कि यह इस बात का भी प्रमाण है कि आपातकालीन परिस्थितियों में जिम्मेदार संस्थान कैसे कार्य करते हैं।