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उत्तराखंड में हेलिकॉप्टर हादसा: केदारनाथ से गुप्तकाशी जा रहे हेलिकॉप्टर की दुर्घटना में 7 की मौत, 6 हफ्तों में 5वां हादसा

खराब मौसम बना हादसे की वजह

उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले के गौरीकुंड वन क्षेत्र में रविवार सुबह एक बड़ा हादसा हो गया, जब केदारनाथ धाम से गुप्तकाशी जा रहा एक हेलिकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। आर्यन एविएशन द्वारा संचालित इस हेलिकॉप्टर में कुल सात लोग सवार थे, जिनमें से सभी की मौत हो गई। मृतकों में पायलट भी शामिल है।

यह घटना सुबह लगभग 5:30 बजे हुई, जब हेलिकॉप्टर ने केदारनाथ से उड़ान भरी थी और कुछ ही देर बाद गौरीकुंड के पास घने जंगलों में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। यह हादसा उत्तराखंड में बीते छह हफ्तों में हुआ पांचवां हेलिकॉप्टर हादसा है, जिसने राज्य की हवाई सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

प्रारंभिक जांच के अनुसार, हेलिकॉप्टर ने सुबह 5:17 बजे केदारनाथ से उड़ान भरी थी और गुप्तकाशी की ओर रवाना हुआ था। रास्ते में घाटी में अचानक मौसम खराब हो गया और दृश्यता बेहद कम हो गई। इसी दौरान हेलिकॉप्टर अपना संतुलन खो बैठा और जंगलों में गिरकर ध्वस्त हो गया।

अधिकारियों के मुताबिक, खराब मौसम, घना कोहरा और तेज़ हवाएं इस हादसे की संभावित वजह मानी जा रही हैं। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन की टीमें मौके पर पहुंची और शवों को बरामद किया गया।

आर्यन एविएशन के इस हेलिकॉप्टर में पायलट समेत कुल सात लोग सवार थे। सभी की मौके पर ही मौत हो गई। प्रशासन ने शवों की पहचान कर उनके परिजनों को सूचित कर दिया है। अभी पोस्टमार्टम और अन्य औपचारिकताएं जारी हैं।

उत्तराखंड जैसे पर्वतीय राज्य में हेलिकॉप्टर सेवाएं तीर्थयात्रियों और स्थानीय नागरिकों के लिए जीवनरेखा की तरह हैं। लेकिन बीते कुछ हफ्तों में लगातार हो रही दुर्घटनाएं चिंता का विषय बन गई हैं। पिछले छह हफ्तों में यह पांचवां हेलिकॉप्टर हादसा है, जो हवाई संचालन की व्यवस्था और मौसम निगरानी प्रणाली की स्थिति पर सवाल उठाता है।

विशेषज्ञों का मानना है कि खराब मौसम में उड़ानों पर सख्त प्रतिबंध लगाने, बेहतर मौसम पूर्वानुमान उपकरणों और उन्नत नेविगेशन सिस्टम की आवश्यकता है।उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस दुर्घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया और मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना प्रकट की। उन्होंने घटना की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं और नागरिक उड्डयन विभाग को सुरक्षा मानकों की समीक्षा करने को कहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा, “यह अत्यंत दुखद घटना है। मैं सभी दिवंगत आत्माओं की शांति की प्रार्थना करता हूं। सरकार मृतकों के परिजनों को हरसंभव सहायता प्रदान करेगी।”उत्तराखंड जैसे संवेदनशील क्षेत्र में लगातार हो रहे हवाई हादसे एक चेतावनी हैं कि तीर्थ यात्रा के बढ़ते दबाव के बीच सुरक्षा को सर्वोपरि रखा जाना चाहिए।

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