यमुना के कायाकल्प के लिए दिल्ली सरकार ने बनाई 5 सूत्री कार्ययोजना, सीएम रेखा गुप्ता करेंगी हर महीने प्रगति की निगरानी
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने जनता से यमुना को "पवित्र धरोहर" मानने का आग्रह किया है।

दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने यमुना नदी के कायाकल्प के लिए 45 सूत्री कार्ययोजना शुरू की है। निर्देशों का उद्देश्य चल रही परियोजनाओं में तेजी लाना और सख्त निगरानी सुनिश्चित करना है।
दिल्ली सरकार द्वारा शुक्रवार को जारी एक बयान के अनुसार, मुख्यमंत्री गुप्ता हर महीने यमुना सफाई की प्रगति का व्यक्तिगत रूप से निरीक्षण करेंगे, जिसे पर्यावरणीय और नैतिक जिम्मेदारी का मिशन बताया गया है।
दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) के अधिकारियों के साथ शुक्रवार को एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए सीएम गुप्ता ने बजटीय आवंटन, परियोजना समयसीमा और तीन प्रमुख क्षेत्रों जलापूर्ति, सीवरेज नेटवर्क सुधार और यमुना पुनरुद्धार योजना की प्रगति की समीक्षा की। दिल्ली लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) और जल संसाधन मंत्री परवेश साहिब सिंह भी बैठक में शामिल हुए
45 सूत्री कार्य योजना में नाले का उपचार, नदी में उपचारित जल का प्रवाह, ठोस और सीवेज अपशिष्ट प्रबंधन, सेप्टेज और डेरी अपशिष्ट निपटान, रिवरफ्रंट विकास, वर्षा जल नियोजन, प्रवर्तन तंत्र और सार्वजनिक सहभागिता शामिल हैं।
यमुना का पुनरुद्धार केवल नीतिगत प्रतिबद्धता नहीं है, यह एक नैतिक कर्तव्य है। स्वच्छ और विकसित दिल्ली तभी संभव है जब प्रत्येक नागरिक को स्वच्छ पेयजल और कुशल सीवेज प्रणाली उपलब्ध हो।”
आंकड़ों के अनुसार, 8000 करोड़ रुपये की लागत वाली 303 जल निकासी परियोजनाएं वर्तमान में चल रही हैं। इनमें गाद निकालने का काम, जलभराव का स्थायी समाधान, पंप हाउस का उन्नयन और तूफानी जल नेटवर्क का विस्तार शामिल है। विभागों को समय पर और गुणवत्तापूर्ण काम पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं।
ओखला, केशोपुर, यमुना विहार, निलोठी और पप्पनकलां सहित आठ सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) को अपग्रेड करने का काम भी चल रहा है। इसके अतिरिक्त, सरकार की योजना 40 नए विकेन्द्रीकृत एसटीपी (डीएसटीपी) स्थापित करने की है, जिनमें से 13 अमृत 2.0 योजना के अंतर्गत हैं।