
विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने सरकारी आवास पर ‘सिंदूर’ का पौधा रोपित किया। यह पौधा उन्हें हाल ही में गुजरात के कच्छ क्षेत्र की उन वीरांगना माताओं और बहनों द्वारा भेंट किया गया था जिन्होंने 1971 के भारत-पाक युद्ध के दौरान अद्भुत साहस और पराक्रम का प्रदर्शन किया था।
प्रधानमंत्री मोदी ने इस विशेष क्षण को यादगार बनाते हुए सोशल मीडिया मंच X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा,
“1971 के युद्ध में साहस और पराक्रम की अद्भुत मिसाल पेश करने वाली कच्छ की वीरांगना माताओं-बहनों ने हाल ही में गुजरात के दौरे पर मुझे सिंदूर का पौधा भेंट किया था। विश्व पर्यावरण दिवस पर आज मुझे उस पौधे को नई दिल्ली के प्रधानमंत्री आवास में लगाने का सौभाग्य मिला है। यह पौधा हमारे देश की नारीशक्ति के शौर्य और प्रेरणा का सशक्त प्रतीक बना रहेगा।”
गुजरात के कच्छ क्षेत्र की इन महिलाओं ने 1971 के युद्ध के दौरान भारतीय सेना का समर्थन करते हुए सीमावर्ती क्षेत्रों में बहादुरी दिखाई थी। उनकी भूमिका इतिहास में साहस और आत्मबल के उदाहरण के रूप में दर्ज है। प्रधानमंत्री की ओर से इन महिलाओं को विशेष रूप से सम्मानित किया गया और उनकी भेंट को स्मृति रूप में स्वीकारते हुए सिंदूर का पौधा रोपा गया।
पौधारोपण के इस कार्य के माध्यम से प्रधानमंत्री ने देशवासियों को पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक और प्रेरित करने का संदेश भी दिया। उन्होंने कहा कि प्रकृति के संरक्षण के साथ-साथ समाज की प्रेरणास्रोत शक्तियों को स्मरण और सम्मान देना भी आवश्यक है।
सिंदूर का पौधा भारतीय संस्कृति में परंपरा, ऊर्जा और नारीत्व का प्रतीक माना जाता है। प्रधानमंत्री आवास में इस पौधे को रोपित करना न केवल पर्यावरण दिवस के महत्व को रेखांकित करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि भारत की नारीशक्ति सदैव प्रेरणा का स्रोत रही है।
यह अवसर भारतीय समाज में महिलाओं की भूमिका और पर्यावरणीय चेतना के अद्भुत संगम का प्रतीक बन गया। प्रधानमंत्री मोदी द्वारा रोपे गए इस पौधे को आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत माना जाएगा।प्रधानमंत्री के इस कदम ने न केवल उन महिलाओं को सम्मानित किया जिन्होंने देश की रक्षा में भागीदारी निभाई, बल्कि पूरे देश को यह संदेश भी दिया कि महिलाओं की शक्ति और प्रकृति का संरक्षण, दोनों ही राष्ट्र की उन्नति में समान रूप से महत्वपूर्ण हैं।