नेशंस लीग फाइनल: स्पेन को हराकर पुर्तगाल बना चैंपियन, रोनाल्डो भावुक होकर रो पड़े
कप्तान के रूप में रोनाल्डो की चमक

फुटबॉल की दुनिया के दिग्गज क्रिस्टियानो रोनाल्डो एक बार फिर सुर्खियों में हैं, लेकिन इस बार अपने आंसुओं की वजह से। रविवार रात म्यूनिख के एलियंज एरिना में खेले गए नेशंस लीग फाइनल में पुर्तगाल ने स्पेन को पेनल्टी शूटआउट में 5-3 से हराकर खिताब जीत लिया, और इसी के साथ रोनाल्डो की आंखें खुशी के आंसुओं से भर आईं।
मैच का स्कोर नियमित समय तक 1-1 पर था, लेकिन फिर स्पेन ने बढ़त बना ली। हालांकि, 38 वर्षीय रोनाल्डो ने एक बार फिर साबित किया कि वह क्यों “GOAT” (Greatest of All Time) कहे जाते हैं। उन्होंने 138वां अंतरराष्ट्रीय गोल दागकर पुर्तगाल को बराबरी दिलाई, और मैच को अतिरिक्त समय में खींच दिया।
120 मिनट के खेल के बाद स्कोर 2-2 रहा और फिर मुकाबला पेनल्टी शूटआउट में पहुंचा, जहां पुर्तगाल ने शानदार प्रदर्शन करते हुए सभी 5 पेनल्टी किक्स को गोल में तब्दील किया, जबकि स्पेन एक किक चूक गया। इस तरह पुर्तगाल ने 5-3 से जीत दर्ज कर दूसरी बार नेशंस लीग का खिताब अपने नाम किया।
मैच खत्म होते ही जैसे ही पुर्तगाल की जीत पक्की हुई, क्रिस्टियानो रोनाल्डो अपने आंसू नहीं रोक सके और मैदान पर ही फूट-फूटकर रोने लगे। उनके साथी खिलाड़ियों ने उन्हें गले लगाया और इस यादगार पल को उनके साथ साझा किया। यह दृश्य फैंस के लिए भी बेहद भावुक करने वाला था।
यह पुर्तगाल का दूसरा नेशंस लीग खिताब है। इससे पहले उन्होंने 2019 में यह ट्रॉफी जीती थी। इस जीत के साथ पुर्तगाल ने एक बार फिर खुद को यूरोप की शीर्ष टीमों में शुमार कर लिया है।कप्तान रोनाल्डो ने पूरे टूर्नामेंट में बेहतरीन नेतृत्व किया। यह खिताब उनके करियर के अंतिम चरण में एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि जोड़ता है। कई फुटबॉल विशेषज्ञों का मानना है कि यह टूर्नामेंट उनके करियर का अंतिम बड़ा टूर्नामेंट हो सकता है।
मैच के बाद पुर्तगाल के कोच ने कहा,
“हमने रोनाल्डो के लिए खेला। उन्होंने टीम को प्रेरित किया, और उनका अनुभव हमारे लिए निर्णायक रहा।”
वहीं रोनाल्डो ने मीडिया से कहा,
“यह जीत मेरी ज़िंदगी की सबसे खास जीतों में से एक है। देश के लिए खेलना, और इस तरह खिताब जीतना — इससे बड़ी बात कोई नहीं।”
क्रिस्टियानो रोनाल्डो के करियर का यह एक और सुनहरा पल था। उनकी मेहनत, समर्पण और देशभक्ति ने फिर एक बार दुनिया को भावुक कर दिया। इस जीत ने न केवल पुर्तगाल को गौरवान्वित किया, बल्कि यह भी दिखाया कि भावनाएं और जुनून खेल को कितना ऊंचा उठा सकते हैं।