आर्टी सरीन बनीं पहली महिला DGAFMS: भारतीय सैन्य चिकित्सा सेवा में रचा इतिहास
भारतीय सैन्य चिकित्सा सेवा (DGAFMS) के इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ गया है, जब लेफ्टिनेंट जनरल आर्टी सरीन ने इस प्रतिष्ठित संगठन की पहली महिला महानिदेशक (DGAFMS) का पदभार संभाला। यह नियुक्ति भारतीय सेना में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी और उनकी अद्वितीय नेतृत्व क्षमताओं को दर्शाती है।
लेफ्टिनेंट जनरल आर्टी सरीन का सैन्य करियर बेहद प्रेरणादायक रहा है। उन्होंने सेना में अपने कार्यकाल के दौरान विभिन्न उच्च पदों पर अपनी सेवाएं दी हैं और चिकित्सा क्षेत्र में बेहतरीन योगदान किया है। मेडिकल साइंस में उनकी गहन जानकारी और नेतृत्व क्षमता की वजह से ही उन्हें यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी गई है।
आर्टी सरीन ने अपने करियर की शुरुआत सेना के मेडिकल कोर से की थी। उन्हें अपने विशिष्ट कार्यों के लिए कई पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है, जिसमें उनकी नेतृत्व क्षमता, चिकित्सा सेवाओं में सुधार और मरीजों की देखभाल में उनके विशेष योगदान को मान्यता दी गई है।
DGAFMS का पदभार संभालने के बाद, लेफ्टिनेंट जनरल आर्टी सरीन की जिम्मेदारियां और अधिक महत्वपूर्ण हो गई हैं। DGAFMS का मुख्य कार्य भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना के लिए उच्च स्तरीय चिकित्सा सेवाएं प्रदान करना होता है। इस पद पर रहते हुए आर्टी सरीन सैन्य चिकित्सीय ढांचे को और अधिक मजबूत और सक्षम बनाने का प्रयास करेंगी। साथ ही, उनका उद्देश्य चिकित्सा सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार लाना और सैन्य अस्पतालों के संचालन को आधुनिक तकनीक से जोड़ना होगा।
आर्टी सरीन की यह नियुक्ति केवल उनके लिए ही नहीं, बल्कि पूरे देश की महिलाओं के लिए गर्व का विषय है। भारतीय सेना में महिलाओं की भागीदारी तेजी से बढ़ रही है, और आर्टी सरीन का यह पद संभालना उन सभी महिलाओं के लिए प्रेरणादायक है जो सेना में अपना करियर बनाना चाहती हैं। यह इस बात का प्रतीक है कि सेना में महिलाओं को समान अवसर और नेतृत्व क्षमता को मान्यता दी जा रही है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी उनकी प्रशंसा करते हुए कहा, “लेफ्टिनेंट जनरल आर्टी सरीन की यह उपलब्धि सेना में महिलाओं की बढ़ती भूमिका का एक प्रतीक है। हमें गर्व है कि हमारी सेना को ऐसी सक्षम और समर्पित नेता मिली हैं।”