अदालतराजनीति

सुप्रीम कोर्ट में ‘न्याय की देवी’ की नई प्रतिमा का अनावरण: पारदर्शी न्याय का प्रतीक

भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने आज न्याय की देवी (लेडी ऑफ जस्टिस) की एक नई और अनूठी प्रतिमा का अनावरण किया, जिसने देश में न्याय व्यवस्था की पारदर्शिता और निष्पक्षता पर एक महत्वपूर्ण संदेश दिया है। इस नई प्रतिमा का सबसे खास और प्रतीकात्मक परिवर्तन है – देवी की आँखों से बंधी पट्टी को हटा दिया गया है, जो पारंपरिक रूप से अंधे न्याय का प्रतीक थी। इस परिवर्तन का उद्देश्य न्याय प्रणाली में पारदर्शिता और समग्रता के महत्व को उजागर करना है।

सदियों से न्याय की देवी की प्रतिमा, तलवार और तराजू के साथ आँखों पर बंधी पट्टी के साथ दिखाई जाती रही है, जो न्याय के अंधेपन और निष्पक्षता का प्रतीक मानी जाती थी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट द्वारा स्थापित इस नई प्रतिमा में देवी की आँखें खुली हैं, जिससे यह संकेत मिलता है कि अब न्याय केवल अंधे रूप में नहीं, बल्कि हर पहलू को देखते हुए, पारदर्शी और जागरूकता के साथ किया जाएगा।

इस अनावरण के मौके पर भारत के मुख्य न्यायाधीश ने कहा, “न्याय की पारंपरिक दृष्टि का समय अब बदल रहा है। हमें यह सुनिश्चित करना है कि न्याय अंधा नहीं, बल्कि सजग और पारदर्शी हो। यह प्रतिमा इसी सोच का प्रतीक है कि न्याय को अब हर पक्ष, हर दृष्टिकोण से देखा जाएगा।”

सुप्रीम कोर्ट की इस नई प्रतिमा का अनावरण उस समय हुआ है जब देश भर में न्यायिक सुधारों की माँग तेज हो रही है। न्याय व्यवस्था में तेजी, पारदर्शिता, और आम जनता की पहुँच सुनिश्चित करने के उद्देश्य से कई कदम उठाए जा रहे हैं। इस प्रतिमा को उन सुधारों का प्रतीक माना जा रहा है जो देश में न्याय की प्रक्रिया को और अधिक समावेशी और निष्पक्ष बनाने के लिए किए जा रहे हैं।

विधायकों और न्यायविदों ने इस नई प्रतिमा के प्रतीकात्मक महत्व की सराहना की। कई विशेषज्ञों का मानना है कि यह एक महत्वपूर्ण संदेश है कि अब न्याय केवल कानूनी नियमों के दायरे में सीमित नहीं रहेगा, बल्कि सच्चाई और निष्पक्षता के आधार पर होगा, जिससे समाज में न्याय की धारणा को नई दिशा मिलेगी।

इस नई प्रतिमा के माध्यम से यह संदेश दिया गया है कि अब न्याय केवल कागजी कार्रवाई और कानूनी जटिलताओं तक सीमित नहीं रहेगा। समाज के हर वर्ग को न्याय की प्रक्रिया में समान और पारदर्शी ढंग से हिस्सा मिलेगा। इस प्रतिमा का उद्देश्य केवल कानूनी प्रक्रिया को गति देना नहीं है, बल्कि यह सुनिश्चित करना है कि न्याय के हर पहलू में पारदर्शिता हो, जिससे जनता का न्याय प्रणाली में विश्वास और मजबूत हो सके।

नई प्रतिमा के अनावरण के बाद, देश भर में जनता और कानूनी विशेषज्ञों की सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है। सोशल मीडिया पर #TransparentJustice और #JusticeForAll जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं, जिसमें लोग इस पहल की सराहना कर रहे हैं। कानून के छात्रों और विशेषज्ञों का मानना है कि यह प्रतिमा देश में न्यायिक प्रक्रिया में बदलाव और सुधार का प्रतीक है, जो आने वाले समय में न्याय प्रणाली को और भी अधिक सशक्त और जनहितकारी बनाएगा।

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