मालदीव के राष्ट्रपति की भारत यात्रा: द्विपक्षीय व्यापार, डिजिटल और स्वास्थ्य क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर दिया जोर
मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुईज़्ज़ू की भारत यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच आर्थिक, डिजिटल और समुद्री क्षेत्रों में सहयोग को लेकर कई महत्वपूर्ण समझौते हुए। भारत और मालदीव ने द्विपक्षीय व्यापार, स्वास्थ्य सुविधाएं और समुद्री विकास परियोजनाओं पर चर्चा करते हुए अपने संबंधों को और मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।
भारत और मालदीव ने आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से द्विपक्षीय मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर बातचीत शुरू की है। इसका मुख्य उद्देश्य दोनों देशों के बीच व्यापारिक लेन-देन को स्थानीय मुद्राओं में बढ़ावा देना है, जिससे विदेशी मुद्रा पर निर्भरता कम हो सके। इस समझौते से दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाओं को मजबूती मिलने की उम्मीद है और व्यापार के अवसरों में वृद्धि होगी।
राष्ट्रपति मुईज़्ज़ू ने भारत के साथ आर्थिक सहयोग को महत्वपूर्ण बताया और कहा कि यह द्विपक्षीय व्यापार समझौता दोनों देशों के विकास को नई दिशा देने में सहायक होगा।
मालदीव में भारतीय पर्यटकों के लिए भुगतान प्रक्रिया को सरल बनाने के उद्देश्य से रूपे कार्ड लॉन्च किया जा रहा है। इस पहल से मालदीव जाने वाले भारतीय पर्यटकों को बड़ी सुविधा मिलेगी। मालदीव के पर्यटन क्षेत्र में भारत का एक बड़ा योगदान है, और यह डिजिटल पहल दोनों देशों के बीच पर्यटन और आर्थिक संबंधों को और मजबूती देगी।
इसके साथ ही, भारत और मालदीव ने एक संयुक्त पहल के तहत जन औषधि केंद्र स्थापित करने की योजना बनाई है। इन केंद्रों का उद्देश्य मालदीव के नागरिकों को सस्ती और गुणवत्तापूर्ण दवाइयां और स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना है। जन औषधि केंद्रों की स्थापना से स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच बढ़ेगी और गरीब वर्गों को बेहतर चिकित्सा सुविधाएं मिलेंगी।
भारत और मालदीव के बीच ग्रेटर माले कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट पर विशेष जोर दिया गया है। यह परियोजना मालदीव की राजधानी माले को उसके आसपास के द्वीपों से जोड़ने का काम करेगी, जिससे क्षेत्रीय कनेक्टिविटी और व्यापारिक गतिविधियों में तेजी आएगी। दोनों देशों ने सहमति जताई है कि यह परियोजना समय पर पूरी की जाएगी, हालांकि यह मध्यम अवधि में पूरा किया जाएगा।यह परियोजना मालदीव के इंफ्रास्ट्रक्चर और आर्थिक विकास के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है और इसमें भारत की भूमिका प्रमुख होगी। इस परियोजना से मालदीव की अर्थव्यवस्था को बड़ा लाभ मिलने की संभावना है।
भारत और मालदीव के बीच समुद्री और आर्थिक साझेदारी को मजबूत करने के लिए एक व्यापक समझौते (MoU) पर हस्ताक्षर हुए हैं। इस समझौते के तहत दोनों देश समुद्री सुरक्षा, व्यापारिक गतिविधियां और आर्थिक सहयोग के क्षेत्र में मिलकर काम करेंगे। इस साझेदारी का उद्देश्य दोनों देशों के रणनीतिक और आर्थिक हितों को एकजुट करना है, जो आने वाले समय में और प्रगाढ़ हो सकते हैं।