अंतरराष्ट्रीयराजनीति

प्रधानमंत्री मोदी ने भारत के कुशल श्रमिकों के लिए वीज़ा कोटा बढ़ाने के जर्मनी के फैसले का स्वागत किया

जर्मनी ने भारतीय पेशेवरों के लिए कुशल श्रमिक वीज़ा और कार्य अनुमति की संख्या में बड़ी बढ़ोतरी की घोषणा की है। जर्मनी ने भारतीय कुशल श्रमिकों के वार्षिक वीज़ा कोटा को 20,000 से बढ़ाकर 90,000 करने का फैसला लिया है। प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी ने जर्मनी के इस कदम का स्वागत करते हुए इसे पश्चिमी देशों में विकास की नई गति प्रदान करने वाला बताया।

जर्मनी के इस फैसले के बाद भारतीय कुशल श्रमिकों के लिए यूरोप में अवसरों का दायरा और बढ़ गया है। अब अधिक भारतीय आईटी, इंजीनियरिंग, चिकित्सा और अन्य तकनीकी क्षेत्रों में नौकरी के लिए जर्मनी जा सकेंगे। जर्मनी की इस पहल का मुख्य उद्देश्य अपने देश की कुशल श्रम शक्ति में सुधार करना है, जिससे वहां की कंपनियों को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने में मदद मिलेगी। प्रधानमंत्री मोदी ने जर्मनी के इस कदम की सराहना करते हुए कहा, “यह कदम न केवल जर्मनी के विकास में मददगार होगा, बल्कि भारत और जर्मनी के बीच द्विपक्षीय संबंधों को भी और मजबूत करेगा। हमारे कुशल पेशेवर जर्मनी की अर्थव्यवस्था को नई ऊर्जा देंगे और वहां के उद्योगों में योगदान देंगे।”

जर्मनी, वर्तमान में कुशल श्रमिकों की कमी का सामना कर रहा है। आईटी, स्वास्थ्य और निर्माण जैसे क्षेत्रों में तेजी से श्रम की जरूरत महसूस की जा रही है, जिसके चलते जर्मनी ने वीज़ा की संख्या बढ़ाने का निर्णय लिया है। भारत में कुशल श्रमिकों की संख्या अधिक है, और इस नए वीज़ा कोटा के साथ भारतीय पेशेवरों के लिए यूरोप में अपना करियर बनाने का रास्ता और भी आसान हो गया है।

भारत और जर्मनी के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और गहरा करने में यह कदम एक महत्वपूर्ण योगदान करेगा। जर्मनी के इस फैसले के बाद भारतीय पेशेवरों की एक बड़ी संख्या अब वहां के उद्योगों में कार्य करेगी, जो न केवल आर्थिक बल्कि सांस्कृतिक दृष्टि से भी दोनों देशों को करीब लाएगी। जर्मनी में भारतीय पेशेवरों की बढ़ती संख्या से भारत को भी लाभ मिलेगा, क्योंकि भारतीय पेशेवरों द्वारा अर्जित की गई आय का एक हिस्सा देश में वापस आएगा, जिससे देश की अर्थव्यवस्था को भी सहारा मिलेगा।

जर्मनी द्वारा वीज़ा कोटा बढ़ाने के इस फैसले का भारतीय आईटी और अन्य तकनीकी क्षेत्रों में भी स्वागत किया जा रहा है। यह फैसला भारतीय पेशेवरों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा को प्रदर्शित करने का एक बड़ा अवसर प्रदान करता है और भारत-जर्मनी संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा।

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