झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के नेता हेमंत सोरेन 26 नवंबर को चौथी बार लेंगे मुख्यमंत्री पद की शपथ
झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के वरिष्ठ नेता और मौजूदा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन 26 नवंबर को झारखंड के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के लिए तैयार हैं। यह उनका चौथा कार्यकाल होगा। सोरेन के नेतृत्व में झारखंड की राजनीति में JMM की स्थिति लगातार मजबूत बनी हुई है।हेमंत सोरेन झारखंड के सबसे प्रभावशाली नेताओं में से एक माने जाते हैं। उन्होंने राज्य के विभिन्न मुद्दों जैसे आदिवासी अधिकार, भूमि सुरक्षा और विकास के मुद्दों पर अपनी सशक्त भूमिका निभाई है। इससे पहले भी, उन्होंने तीन बार मुख्यमंत्री के रूप में राज्य की कमान संभाली और अपने कार्यकाल में कई अहम योजनाओं और नीतियों को लागू किया।
राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन 26 नवंबर को राजभवन में आयोजित एक भव्य समारोह में हेमंत सोरेन को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाएंगे। इस अवसर पर कई केंद्रीय और राज्यस्तरीय नेता, उद्योगपति, और सामाजिक कार्यकर्ता शामिल होने की संभावना है। झारखंड के लोगों में भी इस मौके को लेकर उत्साह देखा जा रहा है।
चौथे कार्यकाल के दौरान हेमंत सोरेन ने अपनी प्राथमिकताओं को स्पष्ट किया है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार का मुख्य ध्यान राज्य के गरीबों और आदिवासियों के उत्थान, शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार, और बेरोजगारी को कम करने पर होगा। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि झारखंड में संसाधनों का सही उपयोग कर विकास को गति दी जाएगी।
हाल के वर्षों में झारखंड में राजनीतिक अस्थिरता और विपक्ष के हमलों के बावजूद हेमंत सोरेन ने अपने नेतृत्व कौशल से JMM और सहयोगी दलों की एकजुटता को बनाए रखा। हालांकि, उनके सामने राज्य की आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने और क्षेत्रीय विकास में संतुलन लाने की चुनौती है।विपक्षी दलों ने हेमंत सोरेन के नेतृत्व पर सवाल उठाते हुए सरकार को विकास योजनाओं में धीमी प्रगति और भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर घेरा है। भाजपा ने आगामी कार्यकाल में सरकार पर कड़ी नजर रखने की बात कही है।
हेमंत सोरेन को झारखंड की जनता से काफी उम्मीदें हैं। उनके पिछले कार्यकाल में ‘फार्म लोन माफी योजना’, ‘गृह निर्माण योजना’, और ‘आदिवासी सशक्तिकरण योजना’ जैसी नीतियों को जनता ने सराहा था। अब, चौथे कार्यकाल में जनता बेहतर रोजगार अवसर, महिला सशक्तिकरण, और बुनियादी सुविधाओं के विस्तार की उम्मीद कर रही है।