संत पोप फ्रांसिस ने 2025 के पवित्र वर्ष की शुरुआत की, सेंट पीटर्स बेसिलिका के पवित्र द्वार खोले
6 जनवरी 2026 तक चलेगा जुबली वर्ष, पवित्र स्थलों की यात्रा का महत्व
संत पोप फ्रांसिस ने क्रिसमस ईव के अवसर पर सेंट पीटर्स बेसिलिका के पवित्र द्वारों (Holy Doors) को खोलकर 2025 के पवित्र वर्ष की आधिकारिक शुरुआत की। यह समारोह कैथोलिकों के लिए एक नए आरंभ का प्रतीक है और दुनिया भर में आध्यात्मिक नवीकरण का आह्वान करता है।
पवित्र द्वार खोलने की यह परंपरा कैथोलिक चर्च में एक विशेष महत्व रखती है।यह कार्य नई शुरुआत और आध्यात्मिक पुनर्जागरण का प्रतीक है।यह जुबली वर्ष 6 जनवरी, 2026 तक चलेगा, जिसे कैथोलिक चर्च में एक पवित्र और शुभ समय माना जाता है।
संत पोप फ्रांसिस ने इस अवसर पर दुनिया भर के कैथोलिक समुदाय से अपील की कि वे आध्यात्मिक नवीकरण और आत्मा की शुद्धि के लिए इस समय का उपयोग करें।उन्होंने भूख, गरीबी, और युद्ध जैसी वैश्विक समस्याओं का उल्लेख करते हुए कहा कि यह समय सहानुभूति और सेवा की भावना को बढ़ाने का है।जुबली वर्ष के दौरान प्रार्थना, ध्यान और सेवाकार्य पर विशेष जोर दिया जाएगा।
कैथोलिक चर्च में जुबली वर्ष हर 25 साल में मनाया जाता है। यह समय आत्मनिरीक्षण, क्षमा और सामूहिक भलाई के लिए समर्पित होता है।इस दौरान दुनिया भर के कैथोलिक सेंट पीटर्स बेसिलिका जैसे पवित्र स्थलों की यात्रा करते हैं।कैथोलिक मान्यताओं के अनुसार, जुबली वर्ष के दौरान पवित्र स्थलों की यात्रा करने से आध्यात्मिक लाभ मिलता है।
संत पोप फ्रांसिस ने जुबली वर्ष को केवल कैथोलिक चर्च तक सीमित न रखते हुए इसे पूरी दुनिया के लिए एकजुटता और शांति का संदेश बनाने की अपील की।उन्होंने कहा कि मानवता को आज एक-दूसरे के प्रति करुणा और सहयोग की आवश्यकता है।+उन्होंने भूख और गरीबी जैसी समस्याओं को हल करने के लिए सामूहिक प्रयासों पर जोर दिया।
जुबली वर्ष के दौरान वेटिकन सिटी और दुनिया के अन्य हिस्सों में कई धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।लाखों श्रद्धालु इन कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए वेटिकन की यात्रा करेंगे।यह वर्ष धार्मिक और सामाजिक समरसता को बढ़ावा देने का काम करेगा।